scriptविश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में रोक के बावजूद तोड़ फोड़ पर हाईकोर्ट सख्त कमिश्नर, DM, SSP, मंदिर के CEO को लगाई फटकार, अब जिला जज करेंगे जांच | High court strict in Vishwanath corridor case | Patrika News

विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में रोक के बावजूद तोड़ फोड़ पर हाईकोर्ट सख्त कमिश्नर, DM, SSP, मंदिर के CEO को लगाई फटकार, अब जिला जज करेंगे जांच

locationवाराणसीPublished: Jun 14, 2018 06:06:22 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

31 मई के यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश के बाद भी भवन में हो रही थी तोड़ फोड़। कोर्ट ने तलब किया था, सभी अफसरों को।

Vishwanath Corridor case, high court strict, contempt notice, status quo, demolition, district judge will investigate, Vishwanath corridor, Vishwanath quarantine, shopping of buildings, breaking off, demolition, DM Yogeshwar Ram Mishra, commissioner Deepak Agarwal, CEO Vishal Singh

इलाहाबाद हाईकोर्ट विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र

इलाहाबाद/ वाराणसी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के 31 मई के यथा स्थिति कायम रखने के आदेश के बाद भी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के एक भवन में मंदिर प्रशासन द्वारा तोड़ फोड़ जारी रखने के मामले में हाईकोर्ट ने वाराणसी प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है। कहा है कि दोबार ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए।

कोर्ट के स्थगनादेश के बावजूद काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में एक भवन में तोड़ फोड़ जारी रखने के मामले में तलब वाराणसी के कमिश्नर, डी एम, एस एस पी, मंदिर के सीईओ व अन्य पुलिस अधिकारियों को कोर्ट ने गुरुवार को फटकार जमकर लगाई। साथ ही आगे ध्वस्तीकरण न करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र व याची मुन्नी तिवारी के हलफनामें में विरोधाभास को दूर करने के लिए जिला जज वाराणसी को निरीक्षण रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 3 जुलाई को रिपोर्ट मांगी है। याचिका की सुनवाई 9 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने अवमानना याचिका पर तलब सभी अधिकारियो की हाजिरी माफ़ कर दी है। मंदिर ट्रष्ट की तरफ से अधिवक्ता विनीत संकल्प,अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह,अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता के आर सिंह ने पक्ष रखा।
बता दें कि कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के आसपास के कई मकानों का राज्यपाल के नाम से सीईओ ने मंदिर के सुंदरीकरण व जनसुविधाएं बढ़ाने के लिए खरीद लिया है। अब उन भवनो के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। इस पर इन मकानों में वर्षो से रह रहे किराएदारों ,दुकानदारों ने हाई कोर्ट की शरण ली है। कोर्ट ने याचिका पर जवाब मांगते हुए 31 मई 2018 को यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था। इसके बावजूद मंदिर प्रशासन ने याची की दूकान के ऊपर एक कम्पनी के ऑफिस को ढहा दिया। इससे याची की दुकान की छत टूट गईऔर मलबा दुकान के अंदर गिर गया। इस पर अवमानना याचिका दाखिल कर एक दर्जन अधिकारियो को दंडित करने की मांग की। कोर्ट ने कमिश्नर दीपक अग्रवाल, डीएम योगेश्वर राम मिश्र, एसएसपी आरके भरद्वाज, मंदिर के सीईओ विशाल सिंह, एएसपी ज्ञानवापी शैलेंद्रराय, सीओ नेहा तिवारी, एसएचओ चौक राहुल शुक्ल, अमन कश्यप पुलिस अधिकारी व ठेकेदार दिलीप यादव को हाजिर होने का निर्देश दिया था। गुरुवार को सभी कोर्ट में हाजिर हुए। याची ने ठेकेदार व सीईओ पर कोर्ट आदेश के खिलाफ गंभीर टिप्पणी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा ऐसे कोर्ट आदेश वे अपनी जेब में रखे रहते है। कोर्ट ने टिप्पणी को गंभीरता से लिया और अधिकारियो को नसीहत दी और कहा कि कोर्ट की अवहेलना करने वाला जेल जा सकता है। जिलाधिकारी ने कोर्ट से कहा कि वह स्वयं 13 जून को शाम 8 बजे मौके पर गये थे, कोई ध्वस्तीकरण नही हो रहा था। वे कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे जबकि याची ने इस बयान के विपरीत कहा कि उसकी दुकान क्षतिग्रस्त की गई है। जिला जज की रिपोर्ट आने पर स्थिति स्पष्ट होगी। मामले की सुनवाई 9 जुलाई को होगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो