पंडित द्विवेदी ने बताया कि सनातनी परंपरा में चंद्र गणना आधारित काल गणना पद्धति मान्य है। इसी आधार पर विक्रम संवत की गणना की जाती है। दरअसल भारतीय कैलेंडर की गणना सूर्य और चंद्रमा के अनुसार होती है। ऐसे में भले ही प्रतिपदा तिथि 5 अप्रैल को दोपहर बाद 02:20 बजे से लग जाएगी लेकिन इसका मान उदया तिथि में 06 अप्रैल से होगा। बताया कि इसी दिन सम्राट विक्रमादित्य ने शक क्षत्रपों को परास्त कर विक्रम संवत का आरंभ भी किया था। धर्म शास्त्र के अनुसार चंद्र गणना पद्धति में चंद्रमा की सोलहों कलाओं के आधार पर दो पक्ष का एक मास यानी महीना माना जाता है।
देश के लिए शुभ फलदायक
ज्योतिषाचार्य पंडित द्विवेदी ने बताया कि ज्योतिषीय आकलन के अनुसार नव वर्ष (संवत्सर) भारत के लिए शुभ फलदायक है। विश्व में प्रभुत्व बढ़ेगा। राष्ट्रीय- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पूंजी निवेश की अभिवृद्धि होगी। मित्र राष्ट्रों से सहयोग मिलेगा लेकिन पड़ोसी राष्ट्रों से अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी। भारत में उत्तर-पश्चिम, विशेषकर पश्चिम में हिंसक घटनाएं हो सकती हैं। वर्षा सामान्य तो आंधी-तूफान, चक्रवात, भूकंप, घटना-दुर्घटना, भूस्खलन समेत प्राकृतिक आपदा की बहुलता होगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित द्विवेदी ने बताया कि ज्योतिषीय आकलन के अनुसार नव वर्ष (संवत्सर) भारत के लिए शुभ फलदायक है। विश्व में प्रभुत्व बढ़ेगा। राष्ट्रीय- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पूंजी निवेश की अभिवृद्धि होगी। मित्र राष्ट्रों से सहयोग मिलेगा लेकिन पड़ोसी राष्ट्रों से अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी। भारत में उत्तर-पश्चिम, विशेषकर पश्चिम में हिंसक घटनाएं हो सकती हैं। वर्षा सामान्य तो आंधी-तूफान, चक्रवात, भूकंप, घटना-दुर्घटना, भूस्खलन समेत प्राकृतिक आपदा की बहुलता होगी।
नवसंवत् में 03 ग्रहण
उन्होंने बताया कि नव संवत् 2076 में दुनिया में तीन ग्रहण लग रहे हैं। इनमें दो सूर्य व एक चंद्रग्रहण होगा। हालांकि भारत में सिर्फ दो ग्रहण ही दिखेंगे। इसमें खंड चंद्रग्रहण व कंकड़ा कृत सूर्यग्रहण होंगे। प्रथम खंग्रास चंद्र ग्रहण 16-17 जुलाई 2019 यानी आषाण शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार को होगा। दूसरा कंकड़ाकृत सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 यानी पौष कृष्ण अमावस्या गुरुवार को लगेगा। लगन मुहूर्त की दृष्टि से भी यह साल खास होगा।
उन्होंने बताया कि नव संवत् 2076 में दुनिया में तीन ग्रहण लग रहे हैं। इनमें दो सूर्य व एक चंद्रग्रहण होगा। हालांकि भारत में सिर्फ दो ग्रहण ही दिखेंगे। इसमें खंड चंद्रग्रहण व कंकड़ा कृत सूर्यग्रहण होंगे। प्रथम खंग्रास चंद्र ग्रहण 16-17 जुलाई 2019 यानी आषाण शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार को होगा। दूसरा कंकड़ाकृत सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 यानी पौष कृष्ण अमावस्या गुरुवार को लगेगा। लगन मुहूर्त की दृष्टि से भी यह साल खास होगा।