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होलिका के दिन है भद्रा, जानिये कब होगा होलिका दहन

locationवाराणसीPublished: Mar 17, 2019 02:37:06 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

लग चुका है होलाष्टक करें केवल विष्णु पूजन।

होलिका दहन और होली

होलिका दहन और होली

वाराणसी. रंगभरी एकदाशी के साथ ही चारों तरफ होली का हुड़दंग शुरू हो गया है। हर तरफ लोग उत्सवी मूड में हैं। काशी में तो होली का कुछ खास ही महत्व है। रविवार को रंगभरी एकादशी को बाबा विश्वनाथ, मां पार्वती को गौने ले जाएंगे। इसकी तैयारी भी पूरी हो चुकी है। अब महज कुछ घंटे ही शेष हैं। पहली होली बाबा भोले नाथ ही खेलेंगे अपने भक्तों संग। उसके बाद से काशीवासियों पर चढ़ जाएगा होलियाना शुरूर।
बता दें कि होलिका दहन 20 मार्च की रात में होगा औरर होली 21 मार्च को खेली जाएगी। 20 मार्च की रात 09 बजे के बाद ही होलिका जलाई जाएगी। वजह उस दिन सुबह से रात के प्रथम प्रहर तक भद्रा काल रहेगा। ऐसे में इस अवधि में होलिका दहन वर्जित है।
20 मार्च को सुबह 10.45 बजे से भद्राकाल शुरू होगा जो रात 08.59 बजे तक रहेगा। इसके बाद 09.28 बजे से रात 11.58 बजे तक होलिका दहन किया जा सकता है। कुछ पंचांगों में होलिका दहन का मुहुर्त रात 9.01 मिनट से मध्यरात्रि 12.20 मिनट तक भी बताया गया है। पूर्णिमा तिथि 20 मार्च को सुबह 10.44 बजे लगेगी जो 21 मार्च को सुबह 07.10 बजे तक रहेगी।
ज्योतिषियों के मुताबिक भद्रा काल में होलिका दहन नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से जनसमूह का नाश होता है। प्रतिपदा, चतुर्दशी, भद्रा और दिन में होलिका जलाना वर्जित है।

होली के आठ दिन पूर्व यानी गुरुवार को ही होलाष्टक लग गया। महावीर पंचांग, ऋषिकेष पंचांग और आदित्य पंचांग के अनुसार इस वर्ष होली 21 मार्च को है। ऐसे में 14 मार्च से होलाष्टक लगा। होलाष्टक लगने के बाद शादी-विवाह, किसी नए कार्य की शुरुआत अथवा यज्ञ-अनुष्ठान नहीं किए जाते। अलबत्ता इस अवधि में विष्णु पूजन का विशेष महत्व है।

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