बता दें कि होलिका दहन 20 मार्च की रात में होगा औरर होली 21 मार्च को खेली जाएगी। 20 मार्च की रात 09 बजे के बाद ही होलिका जलाई जाएगी। वजह उस दिन सुबह से रात के प्रथम प्रहर तक भद्रा काल रहेगा। ऐसे में इस अवधि में होलिका दहन वर्जित है।
20 मार्च को सुबह 10.45 बजे से भद्राकाल शुरू होगा जो रात 08.59 बजे तक रहेगा। इसके बाद 09.28 बजे से रात 11.58 बजे तक होलिका दहन किया जा सकता है। कुछ पंचांगों में होलिका दहन का मुहुर्त रात 9.01 मिनट से मध्यरात्रि 12.20 मिनट तक भी बताया गया है। पूर्णिमा तिथि 20 मार्च को सुबह 10.44 बजे लगेगी जो 21 मार्च को सुबह 07.10 बजे तक रहेगी।
ज्योतिषियों के मुताबिक भद्रा काल में होलिका दहन नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से जनसमूह का नाश होता है। प्रतिपदा, चतुर्दशी, भद्रा और दिन में होलिका जलाना वर्जित है। होली के आठ दिन पूर्व यानी गुरुवार को ही होलाष्टक लग गया। महावीर पंचांग, ऋषिकेष पंचांग और आदित्य पंचांग के अनुसार इस वर्ष होली 21 मार्च को है। ऐसे में 14 मार्च से होलाष्टक लगा। होलाष्टक लगने के बाद शादी-विवाह, किसी नए कार्य की शुरुआत अथवा यज्ञ-अनुष्ठान नहीं किए जाते। अलबत्ता इस अवधि में विष्णु पूजन का विशेष महत्व है।