-बनारस राजातालाब में हाईवे चौड़ा करने के नाम पर उजाड़ दिए गए गरीब मजलूम-पक्के मकान दुकान को तोड़े जाने को कहा हाईकोर्ट की अवहेलना-दुकानदारों का सवाल, आखिर क्यों उजाड़ दिया हमें- भवन स्वामियो व्यवसायियों को उजाड़ने को गैरकानूनी बताया- कहा, यहां खुले आम हो रहा भूमि-अधिग्रहण, आजीविका संरक्षण आवासीय कानून का उल्लंघन
राजातालाब में गिराए गए भवन व दुकान
वाराणसी. विकास के नाम पर बगैर मुआवजा पुनर्वास का इंतजाम किए गरीब व्यवसायियों को उजाड़ने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। यह तब है जब इनके लिए भूमि अधिग्रहण 2013 व आजीविका संरक्षण 2014 में ही तत्कालीन केंद्र सरकार कानून पास कर चुकी है, लेकिन उस कानून का कम से कम बनारस में तो पालन होता नहीं दिख रहा है। ताज्जुब तो यह कि रविवार को जब महिलाएं बच्चों की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास थीं , घरों में पूजा की तैयारी चल रही थी, तभी गरजा बुल्डोजर और उनके घरों को पलक झपकते जमींदोज कर दिया। महिलाओं ने लाख कोशिश की, पुरुषों ने कोर्ट के कागज भी दिखाए पर कोई फर्क नहीं पड़ा। देखते ही देखते सब कुछ बर्बाद हो गया।
रविवार को जीवपुत्रिका व्रत के मौके पर व्रती महिलाओं ने कुछ दिनों की मोहलत भी मांगी एसडीएम अमृता सिंह से लेकिन उन्होंने कोर्ट के आदेश का हवाला देकर पल्ला झाड़ा लिया। वहीं याचिकाकर्ता वंश बहादुर उपाध्याय जिन्होने मुआवजे की मांग को लेकर प्रयागराज हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखा है ने कहा कि नेशनल हाईवे का खाता संख्या 390 नंबर है इस पर से अतिक्रमण हटाने का आदेश था जबकि हम लोगों का घर सैकड़ों वर्ष पुराना मकान खाता संख्या 691 नंबर पर बना है उसे भी तोड़ कर माननीय न्यायालय का अवहेलना की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की याचिका दाखिल की जाएगी।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में वंश बहादुर यादव, बचाऊ यादव, शब्बीर, रामधनी विश्वकर्मा, निर्मला देवी, सुक्खू सिंह, शिवम सिंह, प्रेमशंकर आदि लोगों के भवन ढहा दिए गए हैं। वहीं महिलाओं ने कहा कि जिवपुत्रिका का व्रत जो हम कई सालों से कर रहे थे वह आज इस प्रशासनिक कार्रवाई के चलते टूट गया। इसकी जिम्मेदार एसडीएम राजातालाब व हाईवे प्रशासन है। महिलाओं ने अपना विरोध भी जताया विरोध जताने में गीता देवी, बच्चो देवी, धन्नो देवी, कलावती देवी, रीता देवी, सीता यादव, बबीता यादव, रेनू, अंजुम अफसाना, रेहाना खातून आदि प्रमुख रहीं।
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने राजातालाब के व्यवसायियों को उजाड़ने को गैरकानूनी ठहराया। कहा कि यह भूमि अधिग्रहण व आजीविका संरक्षण कानून जीवन जीने स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। यहां के व्यवसायियों को बिना मुआवजा, पुनर्वास का इंतजाम किए बिना उजाड़ने की जो कार्रवाई की जा रही है वह सरासर गलत है।