पत्रिका टीम ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की तो कई बातें सामने आई। पहली बात जिस लड़की को साधारण परिवार की लड़की बताई जा रही है, वह परिवार संपन्न है। परिवार के लोगों ने बताया कि वह अपने परिवार की लड़की के लिए पहले से ही भारतीय प्रशासनिक सेवा ( Indian Administrative Service) अधिकारी ढूंढ़ रहे थे और इसको लेकर वह कई IAS Officers के पास शादी का प्रस्ताव लेकर गये थे। वहीं एक और बात जो सामने आई है, उसके मुताबिक इस शादी के लिए दोनों परिवारों में सहमति थी और लड़की के परिवार वालों ने बड़े होटल में शादी कराई। शादी समारोह का भव्य आयोजन भी इस शादी को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है ।
राजस्थान के जयपुर निवासी संजय खत्री 2010 बैच के IAS Officer हैं। गाजीपुर निवासी युवती विजय लक्ष्मी से उनकी मुलाकात दिल्ली में हुई थी। गाजीपुर से इंटर की पढ़ाई के बाद विजय लक्ष्मी सिविल सर्विसेज (Civil Services) की तैयारी करने दिल्ली गई थी। जिस क्लास में Vijay Lakshmi जाती थी, वहीं संजय खत्री भी परीक्षा की तैयारी में लगे थे। विजय लक्ष्मी परीक्षा में सफल न होने के कारण वापस गाजीपुर लौट आईं जबकि संजय कुमार खत्री सिविल सर्विसेज की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ट्रेनिंग में चले गए। बाद में संजय की पोस्टिंग कई इलाके में हुई।
2017 में संजय खत्री की पोस्टिंग गाजीपुर में हुई, जहां Vijay Lakshmi अपनी फरियाद लेकर एक दिन ऑफिस पहुंची थी। सात साल के बाद हुई इस मुलाकात ने अचानक पुरानी यादें ताजा कर दी और यह मुलाकात का सिलसिला शुरू हो गया। कुछ दिन पहले ही संजय खत्री का गाजीपुर से रायबरेली तबादला कर दिया, मगर इस बीच भी मुलाकात का सिलसिला जारी रहा। 19 नवंबर को संजय खत्री ने विजय लक्ष्मी से दिल्ली में शादी कर ली। जिसके बाद सोशल साइट्स पर जिलाधिकारी के इस कदम को लोगों ने काफी प्रशंसा की। यह भी कहा जा रहा है कि इस डीएम संजय खत्री ने लोगों के लिए प्रेरणा का काम किया है, मगर जब पत्रिका ने लड़की के घर पहुंचकर मामले की पड़ताल की तो कहानी कुछ अलग ही सुनने को मिली ।
पहले भी सुर्खियों में रहे हैं संजय खत्री
आईएएस अधिकारी संजय खत्री इससे पहले भी कई मामलों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। बतौर प्रशिक्षु अफसर जालौन में बसपा सरकार के कार्यकाल में उन्होंने खनन सिंडिकेट पर छापेमारी की थी। यह सिंडिकेट शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा से जुड़ा हुआ था। इसके बाद गाजीपुर में तैनाती के दौरान मंत्री ओमप्रकाश राजभर के निशाने पर भी रहे थे। मंत्री ने संजय खत्री के तबादले की मांग को लेकर योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था । इस मामले में सीएम योगी को हस्तक्षेप करना पड़ा था, हालांकि बाद में इनका तबादला रायबरेली कर दिया गया।
आईएएस अधिकारी संजय खत्री इससे पहले भी कई मामलों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। बतौर प्रशिक्षु अफसर जालौन में बसपा सरकार के कार्यकाल में उन्होंने खनन सिंडिकेट पर छापेमारी की थी। यह सिंडिकेट शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा से जुड़ा हुआ था। इसके बाद गाजीपुर में तैनाती के दौरान मंत्री ओमप्रकाश राजभर के निशाने पर भी रहे थे। मंत्री ने संजय खत्री के तबादले की मांग को लेकर योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था । इस मामले में सीएम योगी को हस्तक्षेप करना पड़ा था, हालांकि बाद में इनका तबादला रायबरेली कर दिया गया।