बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2018 में यह आईआईटी में सीट वृद्धि संबंधी आदेश जारी कर दिया था। उस पत्र में ही महिलाओं यानी छात्राओं की भागीदारी बढाने पर भी जोर दिया गया था। एमएचआरडी के उस निर्देश के क्रम में ही इस बार आईआईटी बीएचयू में 17 फीसद सीटें बढा दी गई हैं। पिछले सत्र तक संस्थान के बीटेक कक्षाओं के लिए 1167 सीटें निर्धारित थीं। इस बार बीटेक में नया कोर्स आर्किटेक्चर भी शुरू किया जा रहा है जिसके लिए फिलहाल 20 सीटें आरक्षित की गई हैं। यह जानकारी संस्थान के निदेशक प्रो प्रमोद कुमार जैन ने मीडिया को दी थी। उसके हिसाब से इस साल बीटेक में 1346 सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा। यानी कुल 179 सीटों की वृद्धि होगी। दाखिला जेईई मेन्स क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों के रैंक के आधार पर होगा।
आईआईटी बीएचयू में दाखिले के लिए अर्ह अभ्यर्थियों को 24 जुलाई को बुलाया गया है। इन्हें संस्थान के छात्रावास में रिपोर्ट करना है। अगले दिन यानी 25 जुलाई को इनका विभिन्न ट्रेड वाले कोर्स में पंजीकरण होगा। आईआईटी प्रशासन स्तर पर इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। संस्थान के अधिकृत प्रवक्ता प्रो पीके मिश्र ने बताया कि नव प्रवेशियों को 24 को आना है, अगले दिन पंजीकरण होगा और 26 जुलाई से इंडक्शन प्रोग्राम चलेगा जिसके तहत उन्हें वाराणसी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, आईआईटी बीएचयू के बारे में बताया जाएगा। महामना मदन मोहन मालवीय के जीवन, उनकी सोच से अवगत कराया जाएगा।
इस बार संस्थान में दाखिला लेने वाली छात्राओं के लिए नया छात्रावास भी बना दिया गया है। अब तक छात्राओं के लिए आवंटित गांधी स्मृति महिला छात्रावास को ब्वायज हॉस्टल बना दिया गया है।
इस नए सत्र में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं को कई नई परियोजनाओं में काम करने का मौका मिलेगा। बता दें कि संस्थान में पिछले छह माह में 30 से अधिक अनुसंधान परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। इनमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत रक्षा अनुसंधान कॉरीडोर, रफ्तार योजना तथा स्टील अथॉरटी ऑफ इंडिया प्रमुख है। इसके अलावा राष्ट्रीय महत्व की तीन स्पार्क योजनाओं को भी स्वीकृति मिल चुकी है। विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक व अनुसंधान संबंधी कार्यक्रमों के लिए 13 राष्ट्रीय तथा पांच अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ शैक्षणिक सहमति बनी है।