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NMC बिल के खिलाफ IMS BHU के रेजिडेंट्स ने भी खोला मोर्चा

locationवाराणसीPublished: Aug 01, 2019 09:07:36 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-NMC बिल के खिलाफ IMS BHU से निकाला प्रोटेस्ट मार्च-बिल का किया विरोध, कहा ये मेडिकल हित में नहीं

एनएमसी बिल का विरोध करते आईएमएस बीएचयू के रेजीडेंट्स

एनएमसी बिल का विरोध करते आईएमएस बीएचयू के रेजीडेंट्स

वाराणसी. नेशनल मेडिकल कमीशन बिल (एनएमसी बिल) लोकसभा से पारित होने के बाद से देश भर के डॉक्टर आंदोलित हैं। बुधवार को देश भर के डॉक्टर्स इसके विरोध में हड़ताल पर रहे। उसी कड़ी को आगे बढाते हुए गुरुवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्विज्ञान संस्थान के छात्र (रेजीडेंट्स) ने भी विरोध मार्च निकाला। उन्होंने भी इस बिल में कई सुधार की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इसे जनविरोधी बिल करार दिया है।
आईएमएस बीएचयू के रेजिडेंट्स ने इस एनएमसी बिल के खिलाफ शाम 6 बजे आईएमएस भवन से लंका गेट तक मार्च निकाला। इसमें जूनियर डॉक्टर केंद्र सरकार विरोधी नारेबाजी भी कर रहे थे। उन्होंने हाथों में काली पट्टियां बांध रखी थीं। रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के डॉ अमन देव ने यह जानकारी दी। कहा कि इससे गरीब और घरों के बच्चों को मेडिकल के रास्ते बंद हो जाएंगे। दूसरे एमबीबीएस के बाद ब्रिज कोर्स की अनिवार्यता गलत है।
बता दें कि गत 29 जुलाई को लोकसभा ने विपक्ष की तमाम दलीलों को सिरे नकारते हुए बिल पास कर दिया। सरकार ने इसे दूरगामी सुधारों वाला बिल बताया है। वहीं देश भर के डॉक्टर इसके विरोध में हैं।
ये है बिल की खास बातें

-मेडिकल कोर्स यानी एमबीबीएस के बाद भी प्रैक्टिस करने के लिए एक और एग्जाम देना होगा। ये एग्जाम अनिवार्य होगा। इसे पास करने के बाद ही प्रैक्टिस और पोस्ट ग्रेजुएशन की इजाजत मिलेगी
-6 महीने का एक ब्रिज कोर्स करने के बाद देश के आयुर्वेद और यूनानी डॉक्टर भी एमबीबीएस डॉक्टर की तरह एलोपैथी दवाएं लिख सकेंगे

-एनएमसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 40 फीसदी सीटों की फीस भी तय करेगी, बाकी 60 फीसदी सीटों की फीस कॉलेज प्रशासन तय करेगा
मेडिकल संस्थानों में एडमिशन के लिए सिर्फ एक परीक्षा NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट) ली जाएगी
विरोध की वजह

-भारत में अब तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से जुड़े काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की जिम्मेदारी थी, लेकिन बिल पास होने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की जगह नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ले लेगा
-बिल के सेक्शन 32 के तहत, करीब 3.5 लाख गैर-मेडिकल लोगों को लाइसेंस देकर सभी प्रकार की दवाइयां लिखने और इलाज करने का लाइसेंस मिलेगा

-डॉक्टर्स NEET से पहले NEXT को अनिवार्य किए जाने के भी खिलाफ हैं, डॉक्टरों का कहना है कि इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की मेडिकल सेक्टर में आने की संभावना कम हो सकती है
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