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वाराणसी

देश, किसान क्रांति की दहलीज परः विमल कुमार

सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय किसान परिसंवाद में गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना साकार करने का आह्वान।
 

वाराणसीSep 17, 2017 / 09:16 pm

Ajay Chaturvedi

सर्व सेवा संघ के किसान परिसंवाद को संबोधित करते विमल कुमार

विमल कुमार

वाराणसी. देश आज किसान क्रांति की दहलीज पर खड़ा है। कृषि क्षेत्र के गहराते संकट ने देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों को आक्रोशित व आंदोलित कर एक व्यापक संघर्ष की भूमिका तैयार कर दी है। यह कहना है सर्वोदय जगत के प्रधान संपादक विमल कुमार का। वह सर्व सेवा संघ परिवार में आयोजित राष्ट्रीय किसान परिसंवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलनों को राष्ट्रीय स्वरुप प्रदान करने के लिए समाज के विभिन्न हिस्सों को भी शामिल करना होगा, तभी यह संघर्ष एक परिवर्तनकारी भूमिका का निर्वाह कर सकेगा। उन्होंने कहा कि आज भारत ही नहीं तमाम विकासशील व विकसित देश पूंजी के शिकंजे में फंसे है। यही वजह है कि डब्ल्यूटीओ की शर्तो के मुताबिक कोई भी देश कुल कृषि ऊपज मूल्य के दस फीसदी से ज्यादा सब्सिडी नहीं दे सकता। देश की महत्वपूर्ण नीतियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साम्राज्यवादी ताकतें तय कर रही है। इस जकड़न को केवल इस देश का किसान व मजदूर तोड़ सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार संजय अस्थाना ने कहा कि यह एक विडंबना है कि आज देश का किसान इस वजह से आत्महत्या करने को बाध्य है कि उसने उम्मीद से ज्यादा पैदावार कर ली। औने-पौने दाम में भी फसल न बेच पाने की स्थिति में मजबूर होकर महाराष्ट्र के किसानों को यह ऐलान करना पड़ा कि इस सीजन में वह खेत नहीं जोतेंगे। केवल उतनी ही भूमि पर खेती करेंगे जो उनके निजी जरुरतों के लिए पर्याप्त होगी। दरअसल आज किसानों के सामने दो बड़े सवाल हैं, एक या तो मौजूदा व्यवस्था के दोषों को दूर करने के लिए संघर्ष करें या गांधी जी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए आगे आना होगा। बिना व्यवस्था बदले किसानों का व्यापक अर्थों में ग्रामीण समस्याओं का समाधान सम्भव नही है।
इस मौके पर अविनाष काकड़े ने कहा कि केद्र सरकार ने अभी तक किसानों के हितों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। गांधी विचारक विजय नारायण ने गांव की खराब हालात के लिए राज्य सरकारों पर किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। विदर्भ के प्रताप गोस्वामी ने किसानों को सरकार की नीतियों की जानकारी दी। सुभाष शर्मा ने किसानों को प्रकृति को समझने का सुझाव दिया तथा कृषि विषेषज्ञ अनिल सैनी ने किसानों को आर्गेनिक खेती की जानकारी दी। साथ ही कानपुर देहात व गाजीपुर से आए किसानों को के प्रश्नों के उत्तर भी दिये। किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी ने समाप्ति की घोषणा की।

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