वाराणसी. उरी हमले के बाद भारतवासियों के मन में एक कचोट बार-बार उठ रही थी कि आखिर मोदी का 56 इंच का सीना कब अपना दमखम दिखाएगा। सोशल मीडिया पर भी देशवासियों ने एक तरीके से सैनिकों की शहादत पर सरकार के खिलाफ जंग छेड़ रखी थी।
उरी हमले के दसवें दिन प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय सेना ने दिखाया कि कोई काम जल्दबाजी में नहीं बल्कि रणनीति बनाकर उसे अंजाम दिया जाता है। बुधवार की रात जब भारतीय सेना के जांबाजों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी कैंप पर हमला बोला और तीन दर्जन से अधिक आतंकियों को मौत के घाट उतारने के बाद सुरक्षित अपने देश की सीमा में लौट आए। या यूं कहें कि भारतीय सेना ने पाक की सीमा में घुसकर रावण रूपी आतंकियों का नाश कर दशहरा मनाया और देशवासियों को दिवाली से पहले ही दिवाली मनाने का मौका दे दिया।
भारतीय सेना के इस कार्रवाई की जानकारी जब गुरुवार सुबह देशवासियों को हुई तो पूरा देश झूम उठा। आम जनमानस से लेकर पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी तक पूरे दिन टीवी से चिपके रहे और पल-पल की खबर लेते रहे। अधिकतर सरकारी व प्राईवेट दफ्तरों में भी लोग टीवी मोबाइल से भारतीय सेना की कार्रवाई को देख रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से उदास चेहरे लेकर घूम रहे भाजपाई सीना तानकर सड़कों पर उतरे। कहीं मिठाई बंटी तो कहीं ढोल-नगाड़े की थाप पर जमकर झूमे। भाजपा कार्यालय के बाहर जुटे कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी और भारतीय सेना की शान में कसीदे पढ़े तो पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। शिवसेना व अन्य हिंदूवादी संगठनों के साथ ही अन्य राजनीतिक दलों ने भी खुले दिल से केंद्र सरकार की जवाबी कार्रवाई का स्वागत किया और भारतीय सेना को बधाई।