बतादें जकार्ता एशियाई खेलों में हिस्सा लेने जा रहे खिलाडियों की तैयारी के लिए एनआईएस पटियाला में कैंप चल रहा है। फेडरेशन ने कैंप में इंट्री से पहले ही साफ कर दिया था कि तैयारी कर रहे खिलाडियों को सिर्फ तैयारी पर
ध्यान देना होगा उन्हे बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। लेकिन कुछ दिनों पहले ही पूनम कैंप छेड़कर वारणसी आ गईं। पूनम और और उनके पिता कैलाश यादव ने पत्रिका से बातचीत में बताया था कि उनकी तबियत बिगड़ने के वजह से वह इलाज कराने आई हैं। जैसे ही सामान्य हो जायेंगी वो कैंप ज्वाइन कर लेंगी।
लेकिन इसी बीच फेडरेशन ने उनके कैंप छोड़ने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। फेडरेशन ने कहा था कि अगर पूनम यादव इस अपने जवाब से फेडरेशन को संतुषअट कर देती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जायेगी। लेकिन फेडरेशन का कहना है कि एक नहीं बल्कि दो नोटिस जारी करने के बाद भी पूनम यादजव की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया जिसके बाद उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई।
पूनम को राष्ट्रपति ने दी था बधाई, सीएम ने कहा था डीएपी बनो राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद पूनम ने पूरे देश की सीना गर्व से चौड़ा कर दिया था यहां तक की भारत के राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उन्हे जीत की बधाई दी थी। खेल मंत्रालय और रेलवे विभाग ने तो 30-30 लाख रूपये का प्रोत्साहन राशि कैश में दिया था। सीएम योगी ने 50 लाख देने के ऐलान के साथ ही उन्हे
यूपी पुलिस में डीएसपी बनने के न्योता दिया था। लेकिन महज कुछ ही समय के बाद अब एक होनहार बेटी के खेल पर संकट सा दिखाई दे रहा है। हालांकि पूनम अभी रेलवे में नौकरी कर रही हैं। देखना ये है कि अब पूनम का भविष्य उन्हे किस ओर ले जाता है। लेकिन बनारस और देश निराश तो जरूर है।