वाराणसी

जनता कर्फ्यू: काशी के मंदिर घाट और गलियों से भी लोग नदारद, घरों में रहकर कर रहे पीएम मोदी की अपील में सहयोग

दुनिया के सबसे जीवंत शहरों में से एक काशी में भी जनता कर्फ़्यू को लोगों ने दिल से स्वीकार किया। पीएम मोदी की अपील का असर यहां साफ दिखा…

वाराणसीMar 22, 2020 / 08:14 am

नितिन श्रीवास्तव

जनता कर्फ्यू: काशी के मंदिर घाट और गलियों से भी लोग नदारद, घरों में रहकर कर रहे पीएम मोदी की अपील में सहयोग

वाराणसी. दुनिया के सबसे जीवंत शहरों में से एक काशी में भी जनता कर्फ़्यू को लोगों ने दिल से स्वीकार किया। पीएम मोदी की अपील का असर यहां साफ दिखा। जिस काशी में भोर के तीन बजे से ही देश और विदेश के लोगों का रेला उमड़ पड़ता था वहां हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। जनता कर्फ्यू का असर बनारस के अलावा इस मंडल के जिले गाजीपुर, चंदौली और जौनपुर में भी सौ फीसदी है। यहां भी जनता अपने अपने घरों से बाहर नहीं निकली। न गाजीपुर की मंडी में लोग हैं और न ही जौनपुर के ऐतिहासिक शीतला दरबार की तरफ एक भी श्रद्धालु जाता दिखा वहीं चंदौली के पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन जहां की हर मिनट में हज़ारों यात्रियों का आना जाना होता था वहां भी लोग नहीं दिखे।
बनारस शहर की बात करें तो यहां ले सबसे भीड़ भाड़ वाली जगहों पर भी कहीं एक तो कहीं दो लोग ही नजर आ रहे। स्टेशन का क्षेत्र हो या बीएचयू का। चौकाघाट, लहुराबीर, मैदागिन, बेनियाबाग, गोदौलिया, सदर बाजार, मलदाहिया सिगरा, अस्सी हर जगह जनता कर्फ्यू का असर साफ दिख रहा है। वाराणसी पुलिस भी पूरी मुस्तैदी से सड़कों पर उतर कर लोगों को जागरुक कर रही है साथ ही बचाव के तरीके और सुझाव से रही है।
चाय की अड़िया भी बंद, आज काशी से गायब हैं ठहाके

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बाद पीएम मोदी की जनता कर्फ़्यू की अपील ने कई इतिहास को बदला है। काशी की बात करें तो यहां सैकड़ो चाय की दुकान की अड़िया ऐसी थी जिनकी आंच सालो से नही बुझी थी। भोर से ही बनारसियों के अल्हड़पन के साथ शुरू होते ठहाके न दिन दोपहर को कम होते न रात को थमते, पर पहली बार है जब ये चाय की अड़िया तक बंद कर यहां की जनता कर्फ्यू का सपोर्ट कर रही है।
धर्म की नगरी में बन्द हैं सभी देवालय

काशी धर्म की नगरी है, इसे धर्म की राजधानी कहते हैं मान्यता है की बाबा विश्वनाथ ने अपनी त्रिशूल पर इसे टिकाया है। काशीमे 24 सों घण्टे आप आज से पहले जब भी आये होंगे तो हर हर महादेव का उद्घोष पाना तय था। पर रविवार को पहली बार यह नजर आया की यहां की जनता घरों में ही बाबा की पूजा किया पर कोरोना देश को बचाने के लिए बाहर आने से परहेज किया। बतादें के काशी विश्वनाथ, संकट मोचन मंदिर, दुर्गा जी धाम, बड़ा गणेश मंदिर, कैथी महादेव, शनिधाम, काल भैरव मंदिर दो दिन पहले से बंद कर दिये गए हैं। रविवार को कहीं भी कोई नजर नहीं आया।
हर जगह दिख रहे सफाईकर्मी

बनारस नगर निगम हो या जिला प्रशासन इनके प्रयास का ही असर है कि कोरोना से बचाव के लिए स्वच्छता का पालन पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाकर यहां के सफाईकर्मी नलर रहे हैं गली हों बया चौराहे छोटी बड़ी जगहों पर स्वच्छता का काम किया जा रहा है।
आज भी घर घर पहुंच रहे दूधिया

इस जनता कर्फ़्यू में भागीदारी के साथ ही जनता की सेवा करने वाले भी अपना रोल बखूबी निभा रहे हैं। हर तरफ सूनेपन के बाद भी बनारस की सड़कों पर दूध के बाल्टे लिए दूधिये घरों घरों तक पहुँच रहे हैं जनता कर्फ्यू के बाबत पूछने पर कहते हैं हम घर में बैठ जायेगे तो बच्चे और बूढ़े भला बिना दूध के कैसे दिन भर रहेंगे। इसलिए हमें लोगों की सेहत के लिए घर से बाहर आना पड़ा। वहीं सुबह कई दूध की दुकानें खुली मिलीं जहाँ लोग आकर दूध के पैकेट ले जाते दिखे।

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