गांव बंद किसान आंदोलन को प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में मिल रहा जबरदस्त समर्थन। बनारस के किसानों ने सोमवार को पूर्वांचल की सबसे बड़ी सब्जी मंडी राजातलाब में चलाया अभियान, मांगा समर्थन। सभी किसान एकजुट। अब मंगलवार (5 जून) को मंडी के बहिष्कार का ऐलान। मंडी के सामने करेंगे प्रदर्शन।
वाराणसी में गांव बंद किसान अन्दोलन, ट्रान्सपोर्ट नगर एवं रिंग रोड योजना से बाहर निकलकर पकड़ा वृहद स्वरूप। किसान नेता विनय शंकर राय मुन्ना ने कहा कि, किसान आज अपना लागत मूल्य निकालने में बेहाल है लेकिन दोगुना आय का वादा कर सरकार बनाने वाले आज पूंजीपतियों के गोद में चले गये हैं, किसानों की उपज क्रय केन्द्रों पर खरीद करने की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं होने से किसान बिचौलियों के हाथों शोषित हो रहें हैं जिसकी दलाली सरकार के एजेन्ट खुलेआम कर रहे हैं, कोई किसानों की सुध नहीं ले रहा है भाजपा सरकार में।
राय ने कहा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में किरियात (करईल मिट्टी) एवं कसवार ( बलुई दोमट मिट्टी) होने के कारण अत्यन्त उपजाऊ खेत गंगा के किनारे पर होने के कारण सब्जी,फूल इत्यादि बहुफसली उत्पाद के खेती का हब है।
बनारस एवं मिर्जापुर लेकिन चार वर्ष में वाराणसी के सांसद एवं देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी फूड प्रोसेसिंग केंद्र एवं फूड पार्क निर्माण तो दूर कई वर्षों से बन्द राजातलाब शीतगृह को चालू नहीं करवा पाना नरेन्द्र मोदी के निरंकुश एवं किसान विरोधी कार्यप्रणाली को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त है।
पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगी राज पटेल ने कहा कि, गांव बन्द किसान आंदोलन से पूरे बनारस के किसानों को जोड़कर भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार अन्दोलन 10 तक किया जायेगा।
सम्पर्क अभियान में प्रेम साह, ललित पटेल, मुकेश चौहान, दिनेश तिवारी, लल्लू पटेल, विजय गुप्ता , बब्बू पटेल, बसन्त राय, कृण्ण मोहन सिंह, गणेश, रमेश प्रजापति, वृजेश, जगदीश मौर्य, सन्तोष, रवि कुमार, सुरेन्द्र डाक्टर सहित इत्यादि लोग शामिल थे। अध्यक्षता किसान खेत मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक विनय शंकर राय "मुन्ना" ने की जबकि संचालन पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगी राज पटेल ने। मेवा पटेल ने आभार जताया।