-बनारस की पहली कॉरपोरेट ट्रेन की बोगी से बारिश में टपकने लगा पानी
काशी-महाकाल एक्सप्रेस में बारिश के चलते टपका पानी गीला हुआ बिस्तर
वाराणसी. तीन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन को काशी से चलाई गई पहली कॉरपोरेट ट्रेन ‘काशी-महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन’ की यात्रा कितनी सुगम है इसका खुलासा पहली यात्रा में ही हो गया। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 16 फरवरी को इस ट्रेन को लोकार्पित किया था। लेकिन ट्रेन पहली बार गुरुवार 20 फरवरी को वाराणसी से इंदौर के लिए रवाना हुई थी।
वाराणसी से सज-धज के खुली ट्रेन जब देर रात कानपुर- झांसी के बीच पहुंची तो रिमझिम बारिश हो रही थी, तभी बोगी की छत से पानी टपकने लगा। पानी टपकता देख यात्री हैरान हो गए। लेकिन जब तक वो कुछ करते तब तक बिस्तर और अन्य सामान गीला हो चुका था।
ट्रेन में आईआरसीटीसी के सुविधाप्राप्त यात्रियों और वाराणसी के पत्रकारों के अनुसार ट्रेन जब कानपुर से रवाना हुई तो रात लगभग 10 बजकर 30 मिनट के आस-पास झांसी से पहले पोखरायन स्टेशन के पास पहुंची ही थी कि ट्रेन का सवागत रिमझिम बारिश ने किया। आईआरसीटीसी द्वारा संचालित इस ट्रेन में हमसफ़र एक्सप्रेस की बोगियां इस्तेमाल की गई हैं। पर ये बोगियां इस रिमझिम बारिश को भी न झेल सकीं। बारिश का पानी ट्रेन की कोच संख्या बी-2 की छत से टपकने लगा।
पानी टपकने की सूचनार ट्रेन स्टाफ में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सफाई कर्मी कोच संख्या बी-2 में पहुंचे और टपक रहे पानी को वाइपर से साफ़ करना शुरू किया पर तब तक बेड रोल गीला हो चुका था और पानी लगातार बोगी की छत से बूंद-बूंद करके टपक रहा था।