27 जून थी फार्म भरने की अंतिम तिथि बता दें कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा की खातिर आवेदन करने की अंतिम तिथि 27 जून निर्धारित थी। उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्णय लिया कि निर्धारित तिथि तक आववेदन न कर पाने वाले विद्यार्थी सात जुलाई तक प्रति विद्यार्थी 300 रुपये विलंब शुल्क के साथ आवेदन कर सकते हैं।
गरीब विद्यार्थियों का समूह मिला छात्रसंघ पदाधिकारियों से विलंब शुल्क की जानकारी होते ही गरीब परिवार के विद्यार्थियों का समूह पिछले दिनों छात्रसंघ पदाधिकारियों से मिला और अपनी माली हालत का जिक्र करते हुए विलंब शुल्क माफ कराने की मांग की। इस पर छात्रसंघ अध्यक्ष शशि प्रकाश चंदन, महामंत्री अभिषेक सोनकर, पुस्तकालय मंत्री शुभम पाल व अन्य छात्रनेता शनिवार को कुलसचिव से मिले और छात्रहित में विलंब शुल्क वापस लेने की मांग की। छात्र नेताओं को लगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे पर हीलाहवाली कर सकता है तो वो कुलसचिव दफ्तर के बाहर बैठ कर धरना देने लगे।
धरनारत छात्र नेताओं ने की कुलपति से वार्ता धरने के दौरान ही छात्रनेताओं ने कुलपति प्रो एके त्यागी से वार्ता कर गरीब विद्यार्थियों की दिक्कतों से अवगत कराया। वार्ता के दौरान ही कुलपति ने छात्रनेताओं को विलंब शुल्क वापस लेने का आश्वासन दिया। फिर देर शाम विश्वविद्याय के कुलसचिव की ओर से विलंब शुल्क संबंधी निर्णय वापस लेने की घोषणा कर दी गई।