scriptमहात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संबद्ध कालेजों में गरीब सवर्णों को मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण | Kashi Vidyapith give 10 percentage reservation to poor upper cast | Patrika News

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संबद्ध कालेजों में गरीब सवर्णों को मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण

locationवाराणसीPublished: Jun 01, 2019 04:14:14 pm

Submitted by:

Devesh Singh

प्रवेश समिति की बैठक ने लगायी मुहर, प्राइवेट कॉलेज में भी मिलेग आरक्षण का लाभ

Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith

Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith

वाराणसी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व उससे संबद्ध कॉलेजों में गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके लिए 10प्रतिशत सीट बढ़ायी जायेगी। शनिवार को वीसी प्रो.टीएन सिंह की अध्यक्षता में हुई प्रवेश समिति की बैठक में सीट बढ़ाने पर मुहर लगायी गयी है। सभी कॉलेजों को तुरंत इस आदेश का अनुपालन करने को कहा गया है। विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में अब प्रवेश शुरू होने वाला है ऐसे में समय से सीट बढ़ाने के निर्देश से कॉलेजों में प्रवेश लेने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
यह भी पढ़े:-महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में जून से शुरू हो जायेगा एडमिशन का दौर
पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को १० प्रतिशत का आरक्षण दिया था। लोकसभा चुनाव 2019 में नयी सरकार का गठन हो जाने के बाद इस निर्देश का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। शासन ने सभी विश्वविद्यालय व कॉलेजों में गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत सीट बढ़ाने का शासनादेश जारी किया है जिसके अनुपालन में ही महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने प्रवेश समिति की बैठक बुला कर इस निर्णय को पारित कराया है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध पांच जिलों में कुल 350 कॉलेज है। विश्वविद्यालय का यह आदेश शासकीय, शासकीय सहायता प्राप्त व स्ववित्तपोषित कॉलेजों के स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रमों पर लागू होगा। प्रवेश से पहले ही गरीब सवर्णों को बड़ी राहत मिल गयी है आर्थिक आधार से गरीब सवर्णों के कमजोर तबके के छात्रों को अब प्रवेश के लिए पेरशान नहीं होना पड़ेगा।
यह भी पढ़े:-महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की प्रवेश परीक्षा 25 से, 29 पाठ्यक्रमों में होगा मेरिट से प्रवेश
सभी पाठ्यक्रमों में नहीं मिल पायेगा लाभ
गरीब सवर्णों को सभी पाठ्यक्रम में लाभ नहीं मिल पायेगा। इसके पीछे तकनीकी कारण है। बीएड, बीपीएड, एमपीएड, एलएलबी, एलएलएम आदि ऐसे कई पाठ्यक्रम हैं जहां पर विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर से सीट वृद्धि नहीं कर सकता है। कानून की पढ़ाई में सीट वृद्धि का अधिकार बार काउंसिल के पास है जबकि बीएड आदि पाठ्यक्रम में एनसीटीई से मान्यता लेनी होती है इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर से इन पाठ्यक्रमों में सीट वृद्धि नहीं कर सकता है। जिन पाठ्यक्रमों में परिसर द्वार सीट वृद्धि करने का अधिकार है उन्ही पाठ्यक्रमों में गरीब सवर्णों को सीट वृद्धि का लाभ मिल पायेगा।
यह भी पढ़े:-एसआईटी करेगी UPPSC पेपर लीक प्रकरण की जांच, परीक्षा नियंत्रक का जेल में कटा ऐसे दिन
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो