महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रवेश द्वार एक से निकाला गये आक्रोश मार्च में परिसर के शिक्षक व छात्र शामिल थे। प्रोफ्रेसर रेखा ने कहा कि जुल्म तभी होता है जब हम सहने को तैयार रहते हैं यदि हम अपने हक की लड़ाई लड़ते हैं तो जुल्म करने वाले को भी सभी का हक देना पड़ता है। प्रो.रमेश चन्द्र गौतम ने कहा कि एससी, एसटी व अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को अब महाविद्यालय व कॉलेजों में नौकरी नहीं मिलने वाली है। शिक्षक व छात्रों का आरोप है कि सर्वोच्च न्यायालय रोस्टर के माध्यम से शोषित समाज का आरक्षण खत्म करना चाहता है। केन्द्र सरकार खुद को शोषित समाज का हितैषी कहती है तो रोस्टर के विरोध में अध्यादेश लाये। डा.नवरत्न सिंह व डा.राजमुनि ने कहा कि केन्द्र सरकार को इस मामले को संज्ञान लेकर रोस्टर लाना चाहिए। डा.अनिल चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार २०० प्वाइंट रोस्टर लाकर समस्या का निदान कर सकती है। इस मुद्दे पर ३१ जनवरी को संसद घेरने का भी आह्वान किया गया। आक्रोश मार्च में प्रो.भावना वर्मा, प्रो.शैला, डा.निमिषा गुप्ता, डा.विजय, डा.प्रदीप आदि शिक्षक व छात्र शामिल थे।
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