सात तरह के पत्थरों से निर्माण तराशे गए मकराना मार्बल से सात तरह के पत्थरों से कॉरिडोर को भव्य रूप दिया जा रहा है। कॉरिडोर 5,27,730 वर्ग फीट भूमि पर बन रहा है। 30 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। इसके लिए 314 भवनों का अधिग्रहण किया गया है। पहले पांच हजार वर्ग फीट जमीन भी मुश्किल से मिल पाती थी। काम पूरा हो जाने के बाद दर्शनार्थी कॉरिडोर के बाहरी हिस्से में टेरेस पर खड़े होकर गंगा नदी के साथ ही मणिकर्णिका और ललिता घाट काे भी निहार सकेंगे।
परिसर में 24 भवन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में कुल 24 भवन बनाए जा रहे हैं। तीन यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण पूरा हो चुका है। काशी विश्वनाथ मंदिर के चार प्रवेश द्वार बनाए जा चुके हैं। कॉरिडोर में कई अहम चीजें भी बनाई जा रही हैं जैसे कि मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी, यात्री सुविधा केंद्र, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक भवन, जलपान केंद्र, अन्न क्षेत्र और दुकानें हैं।
गंगा तट से जुड़ा काशी विश्वनाथ काशी विश्वनाथ सीधे तौर पर गंगा तट से जुड़ चुका है। यहां आने वाले श्रद्धालु गंगा में स्नान या आचमन कर मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं। बता दें कि मंदिर के चारों ओर एक परिक्रमा पथ भी तैयार किया गया है। इसके अलावा जो प्राचीन मंदिर थे उन्हें भी कॉरिडोर में संरक्षित किया गया है। उन प्राचीन मंदिरों को भी सही करने का काम किया जा रहा है।