13 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी ने किया था लोकार्पण बता दें कि अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को किया था। इसके पीछे प्रधानमंत्री की सोच न केवल मंदिर को भव्य स्वरूप प्रदान करना रहा, बल्कि अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की आय में वृद्धि का ठोस खाका भी खींचा था उन्होंने जो अब फलीभूत होता नजर आ रहा है। दूर दराज के तीर्थ यात्रियों और धार्मिक पर्यटकों के विश्वनाथ धाम आने का सिलसिला पहली जनवरी 2022 से जो शुरू हुआ उसमें कोई कमी नजर नहीं आ रही है।
रोजाना एक लाख दर्शनार्थी पहुंच रहे बाबा धाम जिनसे कोष में हो रही बढ़ोत्तरी मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि पहली जनवरी से 15 अप्रैल तक वाराणसी में पर्यटकों की संख्या तेजी से इजाफा हुआ है। आलम ये है कि रोजाना एक लाख से ज्यादा लोग श्री काशी विश्वनाथ धाम आकर बाबा का दर्शन-पूजन कर रहे हैं। इसका सीधा असर विश्वनाथ मंदिर के कोष पर पड़ रहा है। बताया कि विश्वनाथ मंदिर में होने वाली चार प्रहर की आरती (मंगला आरती, भोग आरती, सप्तऋषि आरती और श्रृंगार व भोग आरती) के टिकटों की बिक्री से लेकर मंदिर में होने वाले रुद्राभिषेक और अन्य पूजा अनुष्ठान की ऑनलाइन बुकिंग से आमदनी में बढ़ोत्तरी हो रही है। साथ ही ऐसे लोग जो भीड़-भाड़ से बचना चाहते हैं उनके लिए सुगम दर्शन का इंतजाम है। इससे भक्तगण लाइन में लगे बिना ही बाबा का दर्शन करते हैं। ये भी सुगम दर्शन भी आय बढ़ोत्तरी का बड़ा साधन बन गया है। इसके अलावा दान पात्र और हुंडी में आने वाले दान में भी बढ़ोतरी हो रही है।
सावन और महाशिवरात्रि से भी ज्यादा रोज हो रही भीड़ मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का कहना है कि दिसंबर 2021 के पहले विश्वनाथ मंदिर में सावन के सोमवार और महा शिवरात्रि पर ही इस तरह की भीड़ देखने को मिलती थी। लेकिन अब हर दिन वही हाल है। सीईओ की मानें तो सावन और महाशिवरात्रि से ज्यादा भीड़ इन तीन महीनों में लगभग हर दिन नजर आई। नए साल के पहले दिन तो 5 लाख से ज्यादा शिवभक्तों ने दर्शन किया था। ऐसे में इसका सीधा असर विश्वनाथ मंदिर की आय पर पड़ रहा है।
लोकार्पण से पूर्व महीने में होती थी एक से सवा करोड़ की आमदनी सीईओ बताते हैं कि दिसंबर 2021 में विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पहले हर महीने करीब एक से सवा करोड़ रुपये की आमदनी होती रही। लेकिन अब इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि तीन महीने से प्रति महीने विश्वनाथ मंदिर में आने वाला चढ़ावा और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को मिला लिया जाय तो ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी हो रही है। इस तरह से अब तक सिर्फ तीन महीने में सात करोड़ से ज्यादा की आमदनी हो चुकी है। अभी इसमें बढ़ोत्तरी के आसार बने हैं।
दर्शनार्थियों की सुविधा को किए जा रहे इंतजाम मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि आमदनी में वृद्धि के साथ यहां आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा बढ़ाने पर काम चल रहा है। भीषम गर्मी से बचाने के लिए गंगा घाट से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक छांव की व्यवस्था, पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। जल्द ही पर्यटकों को और बेहतर सुविधाएं मिलने लगेंगी।
आरती दर्शन की दरों में वृद्धि प्रस्तावित बताया कि न्यास परिषद की बैठक में मंदिर की चार प्रहर की आरती की दर में वृद्धि को स्पेशल रिव्यू कमेटी तैयार की गई है, जिसके आधार पर इन दरों में वृद्धि हो सकती है। फिलहाल भोर की मंगला आरती का टिकट 350 रुपये, दोपहर 11:15 बजे होने वाली भोग आरती का टिकट 180 रुपये, 6:45 की सप्तश्रषि आरती का टिकट 180 रुपये, रात 9 बजे होने वाली शृंगार आरती का टिकट भी 180 रुपये है। इन सभी के रेट में बढ़ोतरी की भी तैयारी की जा रही है। संभव है कि न्यास परिषद की अगली बैठक में रिव्यू मीटिंग के बाद टिकट की कीमतों में इजाफा होगा।
विश्वनाथ धाम की सुरक्षा निजी हाथों में वाराणसी। काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा अब निजी सुरक्षा गार्डों के हाथ दे दी जाएगी। ये निजी कंपनी के सुरक्षाकर्मी मंदिर की संपत्ति की सुरक्षा के साथ ही साथ भक्तों को सुलभ दर्शन में सहयोग करेंगे। कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि दिल्ली की Mi2c Security & Facilities Pvt Ltd कंपनी को यह जिम्मेदारी दी गई है। ऐसा शासन के निर्देश पर किया गया है।
अब तक रही दो तरह की सुरक्षा
कमिश्नर दीपक अग्रवाल बताते हैं कि मंदिदर में दर्शन-पूजन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए विश्वनाथ धाम में दो अलग-अलग व्यवस्था रही हैं। दर्शन-पूजन की जिम्मेदारी काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास तो सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ और पुलिस के पास थी। विशेष आयोजनों पर दर्शन-पूजन कराने को लेकर दोनों में कई बार टकराव की स्थिति बन जाती रही। अब सारी जिम्मेदारी एक ही कंपनी के पास होगी तो ज्यादा सुविधा होगी।