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काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर विवादः कोर्ट का आदेश- विशाल सिंह नए कोर्ट कमिश्नर, 19 मई को अदालत में पेश होगी सर्वे रिपोर्ट

locationवाराणसीPublished: May 17, 2022 05:37:35 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर विवाद में चली सर्वे की कार्यवाही के बाद मंगलवार 17 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में सर्वे रिपोर्ट तो प्रस्तुत नहीं की जा सकी पर कोर्ट कमिश्र अजय कुमार मिश्र को हटा दिया गया है। सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट ने दो दिन की मोहलत दे दी है। इसके लिए स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने आवेद देकर मांग की थी।

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर

वाराणसी. काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर विवाद में सर्वे की कार्यवाही सोमवार को पूरी होने के बाद मंगलवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में तीन-तीन आवेदन दाखिल किए गए। इसके तहत स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो दिन का समय मांगा। उन्होंने पहले से नियुक्त कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र व अजय प्रताप सिंह पर सहयोग न करने का आरोप भी लगाया था। इस पर कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को तत्काल हटाने का आदेश दिया। बता दें कि कोर्ट कमिश्नर मिश्र को हटाने के लिए पहले ही अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने मांग कर चुकी थी। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर की जिम्मेदारी अहम होती है। अब अदालत ने विशाल सिंह को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो दिन की मोहलत दी है।
17 मई 2022 का सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर का आदेश
कोर्ट का फैसला

ज्ञानवापी मामले में मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को उनके पद से हटा दिया है। उन पर स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने आरोप लगाया था कि वे कमीशन की कार्यवाही में असहयोग कर रहे हैं, साथ ही उन्होंने प्राइवेट कैमरामैन रखा और लगातार मीडिया को बाइट देते रहे। यह कानूनन गलत है। अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर की जिम्मेदारी अहम होती है। अदालत ने स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह के प्रार्थना पत्र पर ही एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया है। अब विशाल सिंह कोर्ट कमिश्नर रहेंगे। उधर, अदालत ने कोर्ट में कमीशन की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 2 दिन का वक्त दिया है। अब रिपोर्ट 19 मई को दाखिल हो सकती है।
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17 मई 2022 का सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर का आदेश
दीवार गिराने और मछली हटाने वाले मामले में सुनवाई कल

इसके अलावा दो और एप्लिकेशन अदालत में डाली गई हैं। इसके अलावा डीजीसी सिविल और वादी पक्ष की महिलाओं की दो अन्य प्रार्थना पत्र पर सुनवाई कल यानी 18 मई को होगी। इनमें मस्जिद की कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी कराने और वजूखाने के आसपास एरिया को सील करने की कार्रवाई की मांग है।
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कोर्ट में मंगलवार को दायर तीन प्रार्थना पत्र

1- सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए दो दिन की मोहलत प्रदान करना
ज्ञानवापी परिसर में हाल के तीन दिन तक चले सर्वे रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं हो सकी है। ऐसे में अदालत के आदेश के तहत 17 मई को रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जा सकी। इस संबंध में स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में प्रार्थना पत्र दे कर दो दिन की मोहलत मांगी थी। सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुतन होने के पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि 15 घंटे की वीडियोग्राफी और करीब 1500 फोटो को देखने के बाद रिपोर्ट तैयार की जानी है मगर ये डाटा इतना अधिक है कि इसकी फाइल अभी नहीं बनाई जा सकी है। इसके लिए दो और दिन मांगे गए हैं। स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर और समय मांगा।
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2-सील क्षेत्र की समस्या दूर की जाएं
जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल जज सीनियर डीविजन की अदालत में दायर की है। इसके तहत प्रार्थना पत्र देकर सील क्षेत्र से कुछ छूट की मांग की गई है।
क-ज्ञानवापी मस्जिद स्थित जिस 3 फीट गहरे मानव निर्मित तालाब को सीज किया गया है, उसके चारों तरफ पाइप लाइन और नल हैं। उस नल का उपयोग नमाजी वजू के लिए करते हैं। तालाब परिसर सील होने के कारण नमाजियों के वजू के लिए बाहर व्यवस्था की जाए।
ख-ज्ञानवापी के सील हुए क्षेत्र में शौचालय भी हैं, उनका उपयोग नमाजी करते हैं। अब उन्हें वहां नहीं जानें दिया जा रहा है, ऐसे में उनकी व्यवस्था की जाए।

ग-सील किए गए तालाब में कुछ मछलियां भी हैं। ऐसे में उन्हें खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। उन मछलियों को अब कहीं और पानी में छोड़ा जाए।
3- कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी हो
वादी पक्ष ने मस्जिद परिसर के उन इलाकों जहां ईंट-पत्थर से रास्ता रोका गया है और दीवार खड़ी है उसे हटा कर वीडियोग्राफी कराने की मांग की थी। वहीं जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल जज (सीनियर डीविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सील क्षेत्र से कुछ छूट की मांग की थी।
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