लखनऊ. काशी विश्वनाथ मंदिर काॅरिडोर (Kashi Vishwanath Mandir Corridor) का निर्माण कार्य जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है उसका विशाल आकार और गुलाबी मोहक सौंदर्य और भी उभरकर सामने आ रहा है। सैकड़ों मजदूर दो शिफ्ट में लगातार काम कर रहे हैं। मंदिर काॅरिडोर का निर्माण कार्य बेहद तेजी कराया जा रहा है। इसका करीब एक तिहाई काम पूरा कर लिया गया है। परियोजना के माॅनिटरिंग ग्रुप की बैठक में भी कहा गया है कि इस महीने के अंत तक काॅरिडोर का करीब 37 फीसद निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। 2021 में ही काशी विश्वनाथ मंदिर काॅरिडोर के तहत विस्तारीकरण और सुंदरीकरण का काम पूरा हो जाएगा। रोजाना एक हजार से ज्यादा मजदूर और अत्याधुनिक मशीनों के जरिये निर्माण कार्य युद्घ स्तर पर जारी है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने इसे 10 अगस्त तक पूरा करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य सचिव की अगुवाई में काशी विश्वनाथ मंदिर काॅरिडोर, नमामि गंगे योजना और कानकपुर मेट्रो के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा बैठक में बताया गया है कि काॅरिडोर का 31 फीसदी से ज्यादा काम पूरा कर लिया गया है। इस महीने के अंत तक करीब 37 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
काॅरिडोर का काम दो कार्यदायी संस्थाएं अहमदाबाद की पीएसपी कंस्ट्रक्शन है और लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य तीन फेज में हो रहा है। फर्स्ट फेज में मंदिर परिसर और सेकेंड में गंगा घाट क्षेत्र को विकसित किया जाएगा। इसके बाद तीसरे चरण में नेपाली मंदिर से लेकर ललिता घाट, जलासेन घाट और मणिकर्णिका घाट के आगे सिंधिया घाट तक का हिस्से को विकसित किया जाएगा। नींव और बेस का सारा काम पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य धरातल पर चल रहा है। बल्कि कई बिल्डिंगों में तो फिनिशिंग का काम चल रहा है। कुल मिलाकर पूरे काॅरिडोर ने भव्य आकार लेना शुरू कर दिया है। परियोजना के बाद काॅरिडोर की सुंदर आभा निखरकर सामने आएगी, जो दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी।
परियोजना के तहत मन्दिर परिसर, मन्दिर चौक, यात्री सुविधा केन्द्र, स्पिरीचुअल बुक स्टाल, जलपान केन्द्र, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेन्टर, गेस्ट हाउस, सिटी म्यूजियम, टायलेट ब्लाक, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, सेवादल व पुजारी आफिस, नीलकंठ पैवेलियन, वाराणसी गैलरी, मल्टीपरपज हाल, सुरक्षा कार्यालय, यूटीलिटी ब्लाक गोदौलिया गेट, वैदिक केन्द्र, कल्चरल सेन्टर विकसित कर घाट एरिया आदि का विकास और सौन्दर्यीकरण कराया जा रहा है।