सावन के पहले सोमवार को तरह इस बार भी श्रद्धालुओं के लिए वही तीन रास्ते तय थे। इन्हीं रास्तों से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया। मंदिर प्रशासन की ओर से तीनों रास्तों पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की का इंतज़ाम भी पूर्व की भांति ही था।
भगवान शिव का अति प्रिय श्रावण मास में इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वैसे तो लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए यहां के नियम और व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण श्रद्धालुओं की संख्या कम है।
सीओ ज्ञानवापी अर्जुन सिंह ने बताया कि सावन के दूसरे सोमवार को सुबह पांच बजे से काशी विश्वनाथ मंदिर को भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया है। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए इस बार भक्तों को मंदिर में जाने से पहले पूरी तरह से सेनेटाइज किया जा रहा है। इसके साथ ही बिना मास्क के किसी को अंदर नही जाने दिया जा रहा है। वहीं नियमों को न मानने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
दर्शन करने आये श्रद्धालु ने बताया कि बाबा विश्वनाथ के त्रिशूल पर विश्व टिका है। इस बार भीड़ बहुत कम है। बाबा का दर्शन बहुत आसानी से हो रहा है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। हमने बाबा से अपनी शिक्षा के साथ ही वैश्विक महामारी कोरोना को समाप्त करने के लिए प्राथना किया है।