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काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर विवादः हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र ने कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट, मस्जिद में मिली देव विग्रह जैसी आकृतियां

locationवाराणसीPublished: May 19, 2022 12:12:40 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर विवाद के संबंध सिविल कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में हुई सर्वे की कार्यवाही की एक रिपोर्ट हाल ही में सर्वे की कार्यवाही से हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की जा चुकी है। आज स्पेशल कोर्टकमिश्नर विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह की रिपोर्ट पेश होगी। साथ ही शासकीय अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र तथा वादी पक्ष के आवेदन पर दोपहर बाद सुनवाई होगी।

हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र

हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र

वाराणसी. काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर विवाद को लेकर हुई सर्वे की कार्यवाही के पहले दो दिन की रिपोर्ट हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र ने कोर्ट में पेश कर दी है। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट में पेश रिपोर्ट में अजय मिश्र ने बताया है कि पहले दो दिन के सर्वे में ही ज्ञानवापी परिसर में देव विग्रह और मंदिर के अवशेष मिले हैं। दो पेज वाली सर्वे रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि परिसर में काफी कुछ ऐसा मिला है जो ये साबित करने के लिए पर्याप्त है कि वो मंदिर का ही हिस्सा है। इस बीच गुरुवार को स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह और सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। उसके बाद तीन बिंदुओ पर सुनवाई होगी।
स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह के आरोप पर हटाए गए थे अजय मिश्र

बता दें कि बतौर कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने शुरूआती दो दिनों की सर्वे की कार्यवाही कराई थी। हालांकि वो बाद के तीन दिनों की सर्वे रिपोर्ट में भी शामिल रहे लेकिन तीन दिन की सर्वे कार्यवाही पूरी होने के बाद स्पेशन कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने कोर्ट में आवेदन पत्र दाखिल कर कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र पर कार्यवाही में सहयोग न करने और अपने निजी वीडियोग्राफर के जरिए सर्वे की कार्यवाही लीक करने का आरोप लगाया था जिस पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने अजय मिश्र को कोर्ट कमिश्नर से हटा दिया था।
आज विशाल सिंह व अजय प्रताप सिंह दाखिल करेंगे रिपोर्ट

स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह और सहायक अजय प्रताप सिंह गुरुवार को कोर्ट में 14 से 16 मई के बीच हुई सर्वे की कार्यवाही की रिपोर्ट सौपेंगे। इस बीच कमीशन के बीच हटाए गए पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने अपनी 2 पन्नों कीरिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि अजय मिश्र ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मस्जिद के अंदर शेषनाग की आकृति के अलावा कई देव विग्रह खंडित मिले। इसके अलावा मंदिर का मलबा और कमल की आकृति और शिलापट्ट भी मिले हैं।
हटाए गए कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में ये भी हैं महत्वपूर्ण तथ्य

चर्चाओं के अनुसार उन्होंने बताया है कि ज्ञानवापी परिसर में जहां बैरिकेडिंग की गई है वहां उत्तर-पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों का मलबा है, जिस पर देव विग्रहो की आकृतियां हैं। वहीं एक शिलापट्‌ट है जिस पर कमल की आकृति देखने को मिली। इसके अलावा पत्थरों में कमल तथा अन्य आकृतियां भी दिखीं। उत्तर पश्चिम के कोने में नए चबूतरे का निर्माण भी मिला। वहीं उत्तर से पश्चिम की ओर जाने पर एक शिलापट्‌ट दिखा जिस पर शेषनाग की आकृति है जो नाग के फन सदृश्य है। शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की उभरी हुई आकृति भी मिली। उसी पर चार मूर्तियों की भी आकृति दिखी जिन पर सिंदूर जैसा रंग लगा था। उन्होंने लिखा है कि एक अन्य आकृति भी दिखी जो मूर्ति की तरह है, उस पर भी सिंदूर का मोटा लेप है। शिलापट्ट को देखने से प्रतीत होता है कि अरसे से वहीं पड़े हैं। ऐसा लगता है कि किसी इमारत के खंडित अवशेष हैं। वहीं शृंगार गौरी मंदिर की चौखट का अवशेष भी मिला।
बैरिकेडिंग के बाहर सिंदूरी रंग से रंगी कुछ आकृतियां औ चौखट दिखा

ये भी कहा जा रहा है कि पूर्व कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट में लिखा है कि बैरिकेडिंग के बाहर सिंदूरी रंग से रंगी कुछ आकृतियां औ चौखट दिखा। इसके बारे में वादी पक्ष का दावा रहा कि वो शृंगार गौरी मंदिर की चौखट का अवशेष है। उनकी कलाकृतियों के प्रतीक को ही फिलहाल शृंगार गौरी मानकर पूजते हैं।
दूसरे दिन के सर्वे में कलेकटर-पुलिस कमिश्नर पर सहयोग करने का आरोप

मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट कमिश्नर रहे अजय मिश्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोर्ट के अदालत के आदेश पर सभी पक्षकारों के साथ 6 मई को दोपहर 3:30 बजे सर्वे शुरू किया गया था। ज्ञानवापी बैरिकेडिंग के बाहर से शुरू की गई कार्यवाही पहले दिन 5:45 बजे तक चली। फिर अगले दिन यानी 7 मई को दोपहर 3 बजे कमीशन की कार्यवाही में प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी मौजूद नहीं था। उस दिन प्रतिवादी प्रदेश सरकार, कलेकटर, पुलिस आयुक्त ने सहयोग नहीं किया। ऐसे में कार्यवाही के दौरान ही आरोप-प्रत्यारोप तथा विवादित स्थल पर मुस्लिम समुदाय के लगभग 100 लोगों की मौजूदगी के चलते पुलिस और प्रशासन ने असमर्थता जताई। इस कारण सर्वे की कार्यवाही पूरी नहीं की जा सकी।
अजय मिश्र का आरोप, विशाल सिंह के चलते मुझे हटाया गया

अजय मिश्र ने कहा कि ‘हमने 16 मई की रात 12 बजे तक साथ बैठकर रिपोर्ट तैयार की थी। मुझे नहीं पता था कि विशाल सिंह मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। मैं वास्तव में दुखी हूं और इस बात का कष्ट रहेगा कि अपनी महत्त्वाकांक्षा पूरी करने के लिए विशाल सिंह ने हमें नीचा दिखाया। सर्वे की कार्रवाई को लेकर मैं संतुष्ट हूं। न्यायालय ने जो उचित समझा है, वह किया है। सर्वे के बारे में मैं कुछ नहीं बोलूंगा।’।
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