अंजुमन इंतजामिया कमेटी गई थी सुप्रीम कोर्ट बता दें कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के आदेश के तहत मस्जिद के अंदर सर्वे कार्यवाही तथा अन्य मामलों को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने दोनो पक्षो की दलील सुनने के बाद ज्ञानवापी परिसर मामले की सुनवाई जिला न्यायालय में करने का आदेश दिया। जिला जज को आठ हफ्ते में सुनवाई पूरी करनी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही सिविल कोर्ट में रोकी गई थी सुनवाई यहां ये भी बता दें कि सिविल कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे हुआ और उसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश कर दी गई है। लेकिन जिस दिन सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई उससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सिविल कोर्ट का आदेश आ गया। ऐसे में सिविल कोर्ट ने 23 मई तक सुनवाई स्थगित की थी। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई जिला अदालत अदालत में करने का आदेश जारी किया। ऐसे में सर्वोच्च न्यायायल के आदेश के तहत सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत से केस संबंधी सारी पत्रवलि, सर्वे रिपोर्ट आदि सभी कुछ जिला अदालत को स्थानांतरित कर दी गई। अब सोमवार 23 मई से जिला अदालत में सुनवाई शुरू होगी।