इसके पहले अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने भी अपील कर यह मांग की थी कि मामले की सुनवाई संबंधित कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं है। पर 25 फरवरी को वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक की अदालत ने कमेटी की इस प्रार्थना को खारिज कर दिया था। मस्जिद कमेटी की ओर से इसके खिलाफ एक जुलाई को जिला जज की अदालत में सिविल रिवीजन दायर किया था। 18 सितंबर को सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से भी क्षेत्राधिकार के मामले के उसी आदेश को जिला जज की अदालत में वाद दाखिल किया गया। इसी पर मंदिर पक्ष की ओर से वकीलों ने जिला जज की अदालत में आपत्ति की। वक्फ बोर्ड चाहता है कि मामला सिविल जज सीनियर कोर्ट के बजाय वक्फ ट्रिब्यूनल लखनऊ में चलाया जाय। सोमवार को मामले की सुनवाई में हुई बहस के बाद जज ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया और अब अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।