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दो साल बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद गठित, ज्योतिषाचार्य प्रो नागेंद्र पांडेय बने अध्यक्ष

locationवाराणसीPublished: Dec 09, 2021 11:02:17 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

दिव्यता और भव्यता हासिल होने के बाद अब श्री काशी विश्वनाथ धाम में आम श्रद्धालु भी कतार में लग कर आसानी से बाबा का दर्शन लाभ हासिल कर सकेगा। अब सरकारी तंत्र उसके बांह पकड़ कर बाहर नहीं करेगा। यानी भूतभावन शंकर के दरबार में लोकतंत्र कायम होगा। बाबा के लिए सभी श्रद्धालु एक समान होंगे। ऐसी उम्मीद जग रही है मंदिर के नए न्यास परिषद से।

नागेंद्र पांडेय

नागेंद्र पांडेय

वाराणसी. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सरकारी हस्तक्षेप दूर करने के लिहाज से बने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के करीब दो साल भर बाद पुनः गठित होने के बाद से आमजन को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। बता दें कि जनवरी 2020 से न्यास परिषद अस्तित्व में नहीं रहा। अब धर्मार्थ कार्य विभाग ने फिर से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद का गठन कर दिया है। इस परिषद का अध्यक्ष प्रकांड ज्योतिषाचार्य प्रो नागेंद्र पांडेय को बनाया गया है। साथ ही धर्म संस्कृति की राजधानी काशी के पांच मूर्धन्य विद्वानों को इस परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया है।
प्रो नागेंद्र पांडेय, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के नए अध्यक्ष
बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष बने प्रो पांडेय, डॉ संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविवद्यालय में ज्योतिष विभाग में आचार्य रह चुके हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष, ज्योतिष विज्ञान समिति के अध्यक्ष, संस्कृत भारती के प्रांत संयोजक पद का दायित्व भी संभाल चुके हैं। उनकी विद्वता, उनके कार्यों व लेखन आदि के लिए संस्कृत वाचस्पति शिरोमणि पुरस्कार से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
ऐसे में इस तरह के विद्वान के न्यास परिषद का अध्यक्ष बनने के बाद ये उम्मीद की जा रही है कि अब ये मंदिर परिसर पूरी तरह से सरकारी तंत्र से मुक्त होगा और बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन में किसी भी भक्त को खास दिक्कत नहीं होगी।
आम भक्तों की सहूलियत की उम्मीद इस नाते भी की जा रही है क्यों कि धर्मार्थ कार्य विभाग ने इस परिषद के लिए जिन पांच लोगों को सदस्य मनोनीत किया है उनमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो चंद्रमौलि उपाध्याय, वैदिक विद्वान के वेंकटरमण घनपाठी, ज्योतिषाचार्य दीपक मालवीय और पंडित प्रसाद दीक्षित तथा गोपालगंज बिहार के प्रो ब्रजभूषण ओझा को शामिल किया गया है। इस नए न्यास परिषद की घोषणा बुधवार को प्रदेश के धर्मार्थ कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने की है।
बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से 1983 में सोना चोरी मामले के बाद इसका अधिग्रहण कर लिया गया। उसके बाद मंदिर की धर्म सम्मत देखरख, उसके विकास और पूजन आदि के लिए न्यास परिषद का गठन किया गया। लेकिन पिछले करीब एक साल पूर्व परिषद का कार्यकाल पूरा होने के बाद से मंदिर पूरी तरह से सरकारी तंत्र के अधीन हो गया था। कमिश्नर ही सर्वेसर्वा रहे। अब पुनः न्यास परिषद के गठन के बाद से ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अधिग्रहण के चलते मंदिर पर सरकारी तंत्र का प्रभाव तो रहेगा पर सरारी तंत्र व्यवस्था पर भारी नहीं पड़ेगा, जो भी निर्णय लिए जाएंगे उसके लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
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