मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि भक्तों की मांग पर इस साल से मंदिर परिसर में महामृत्युंजय जप की सुविधा मुहैया कराई गयी है। ये पहला अवसर होगा जब सावन में भक्त विश्वनाथ मंदिर परिसर में महामृत्युंजय जप करा सकेंगे। महामृत्युंजय जाप (32 शास्त्री एक दिन) के लिए एक लाख रुपये देना होगा। सात शास्त्री से पांच दिन में महामृत्युंजय जप कराने पर प्रतिदिन 51 हजार रुपये मंदिर कोष में जमा करने होंगे। इसके पहले शिवभक्त वाराणसी के दारानगर स्थित महामृत्युंजय मंदिर में ही महामृत्युंजय जप कराते थे। विश्वनाथ मंदिर परिसर में महामृत्युंजय जब बहुत कम होता था। इसलिए कोई निर्धारित शुल्क नहीं था।
अजब-गजब- थानेदार की कुसी पर काल भैरव तो ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर बैठते हैं बजरंगबली
मंदिर अधिग्रहण से पहले सब कुछ मुफ्त
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी का कहना है कि १९८३ में सिर्फ सप्तर्षि आरती के लिए पांच रुपए का टोकन शुल्क था। यह भी हर कोई नहीं दे पाता था। अन्य आरतियों के लिए कोई शुल्क नहीं था। पहले मंगला आरती का दर्शन आम भक्तों के लिए उपलब्ध भी नहीं था। यह बाबा के प्रात: स्नान का मामला है। इसलिए इसकी इजाजत नहीं थी। लेकिन, पिछले एक दशक में कई तरह के दर्शन और आरती दर्शन के लिए शुल्क लगा दिया गया। यह गलत है, किसी भी देवी देवता की मंगला आरती का दर्शन शास्त्र सम्मत नहीं है। सावन के सोमवार को ये श्रृंगार
पहला सोमवार- 26 जुलाई, शिव श्रृंगार
दूसरा सोमवार -02 अगस्त, शिव-पार्वती श्रृंगार
तीसरा सोमवार-09 अगस्त, अर्धनारीश्वर श्रृंगार
चौथा सोमवार-16 अगस्त, रुद्राक्ष श्रृंगार
पांचवां सोमवार यानी पूर्णिमा- झूला श्रृंगार
सावन मास के पहले दिन भक्तों से गुलजार हुआ बाबा भोलेनाथ का द्वार, मंदिर में गूजां महादेव का जयकारा
किस पूजा पर कितना खर्च
मंगला आरती (सावन के सामान्य दिन)- 700 रुपए
मंगला आरती (प्रत्येक सावन सोमवार)-1500 रुपए
दर्शन (सावन के सामान्य दिन में)- 500 रुपए
दर्शन (प्रत्येक सावन सोमवार)- 750 रुपए
सप्तर्षि आरती- 200 रुपए
सन्यासी भोग (सावन सोमवार)- 7,500 रुपए
सावन सोमवार श्रृंगार-15000 रुपए
पूर्णिमा श्रृंगार-3700 रुपए
अखंडदीप- 700 रुपए
मंदिर प्रशासक के अनुसार पूजा-अर्चना की दर बढ़ाने की वजह सुविधाओं में बढ़ोतरी और महंगाई है। इस बार मंदिर में एलईडी लाइट्स लगाई गयी है। परिसर में बैठने की व्यवस्था गयी है। और कोविड नियमों के तहत ही दर्शन पूजन होगा। इसीलिए 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।