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Kashi Vishwanath : योगी के कार्यकाल में 50 फीसद महंगा हुआ काशी विश्वनाथ का पूजन

locationवाराणसीPublished: Jul 25, 2021 06:48:51 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

Kashi Vishwanath in Varanasi- 1983 में सिर्फ सप्तर्षि आरती के लिए देना पड़ता था पांच रुपए का शुल्क, मंदिर के अधिग्रहण से पहले आमभक्तों के लिए नहीं थी मंगला आरती, दो साल में मंगला आरती दर्शन की दर में तीन सौ रुपए का इजाफा

Kashi Vishwanath worship becomes costly by 50 percent in Sawan
डॉ. अजय कृष्ण चतुर्वेदी
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
वाराणसी. Kashi Vishwanath worship in Varanasi बाबा विश्वनाथ का सावन से गहरा नाता है। सावन माह में बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) का दर्शन-पूजन और मंगला आरती के दर्शन का विशेष महात्म्य है। मंदिर में पूजन अर्चन के लिए इस साल नयी रेट लिस्ट जारी की गयी है। पिछले छह साल में मंगला आरती के दर्शन शुल्क में 50 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि,1983 में सिर्फ सप्तर्षि आरती ही होती थी। और इसके लिए भक्तों को सिर्फ पांच रुपए चुकाने पड़ते थे। अब इस आरती का रेट 180 रुपए है। इसी तहर मंगला आरती के लिए अब 1500 रुपए देने होंगे। पहली बार बाबा विश्वनाथ के परिसर में एक लाख रुपए में महा मृत्युंजय जाप की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की नई रेट लिस्ट के मुताबिक इस सावन में हर सोमवार को काशी विश्वनाथ की मंगला आरती का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को पूर्व की तुलना में 300 रुपए ज्यादा चुकाना होगा। इस आरती को देखने के लिए श्रद्धालुओं को 15 सौ रुपए का शुल्क देना होगा। अन्य दिनों में इस आरती के लिए सात सौ रुपए का भुगतान करना होगा।
महामृत्युंजय जप के लिए एक लाख
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि भक्तों की मांग पर इस साल से मंदिर परिसर में महामृत्युंजय जप की सुविधा मुहैया कराई गयी है। ये पहला अवसर होगा जब सावन में भक्त विश्वनाथ मंदिर परिसर में महामृत्युंजय जप करा सकेंगे। महामृत्युंजय जाप (32 शास्त्री एक दिन) के लिए एक लाख रुपये देना होगा। सात शास्त्री से पांच दिन में महामृत्युंजय जप कराने पर प्रतिदिन 51 हजार रुपये मंदिर कोष में जमा करने होंगे। इसके पहले शिवभक्त वाराणसी के दारानगर स्थित महामृत्युंजय मंदिर में ही महामृत्युंजय जप कराते थे। विश्वनाथ मंदिर परिसर में महामृत्युंजय जब बहुत कम होता था। इसलिए कोई निर्धारित शुल्क नहीं था।
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मंदिर अधिग्रहण से पहले सब कुछ मुफ्त
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी का कहना है कि १९८३ में सिर्फ सप्तर्षि आरती के लिए पांच रुपए का टोकन शुल्क था। यह भी हर कोई नहीं दे पाता था। अन्य आरतियों के लिए कोई शुल्क नहीं था। पहले मंगला आरती का दर्शन आम भक्तों के लिए उपलब्ध भी नहीं था। यह बाबा के प्रात: स्नान का मामला है। इसलिए इसकी इजाजत नहीं थी। लेकिन, पिछले एक दशक में कई तरह के दर्शन और आरती दर्शन के लिए शुल्क लगा दिया गया। यह गलत है, किसी भी देवी देवता की मंगला आरती का दर्शन शास्त्र सम्मत नहीं है।

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सावन के सोमवार को ये श्रृंगार
पहला सोमवार- 26 जुलाई, शिव श्रृंगार
दूसरा सोमवार -02 अगस्त, शिव-पार्वती श्रृंगार
तीसरा सोमवार-09 अगस्त, अर्धनारीश्वर श्रृंगार
चौथा सोमवार-16 अगस्त, रुद्राक्ष श्रृंगार
पांचवां सोमवार यानी पूर्णिमा- झूला श्रृंगार

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किस पूजा पर कितना खर्च
मंगला आरती (सावन के सामान्य दिन)- 700 रुपए
मंगला आरती (प्रत्येक सावन सोमवार)-1500 रुपए
दर्शन (सावन के सामान्य दिन में)- 500 रुपए
दर्शन (प्रत्येक सावन सोमवार)- 750 रुपए
सप्तर्षि आरती- 200 रुपए
सन्यासी भोग (सावन सोमवार)- 7,500 रुपए
सावन सोमवार श्रृंगार-15000 रुपए
पूर्णिमा श्रृंगार-3700 रुपए
अखंडदीप- 700 रुपए
इसलिए बढ़ाया शुल्क
मंदिर प्रशासक के अनुसार पूजा-अर्चना की दर बढ़ाने की वजह सुविधाओं में बढ़ोतरी और महंगाई है। इस बार मंदिर में एलईडी लाइट्स लगाई गयी है। परिसर में बैठने की व्यवस्था गयी है। और कोविड नियमों के तहत ही दर्शन पूजन होगा। इसीलिए 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
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