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होप के युवाओंं का सपना होगा साकार, बदलेंगी पूर्वांचल के पर्यटन उद्योग की तस्वीर

locationवाराणसीPublished: Jan 08, 2018 08:46:47 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

वाराणसी के डेढ़ हजार साल पुराने रामेश्वर महादेव के मंदिर का होगा जीर्णोद्धार।

काशी का प्राचीन रामेश्वर मंदिर

काशी का प्राचीन रामेश्वर मंदिर

वाराणसी. साल में एक दिन ग्राम दिवस की मांग करने वाली युवाओं की संस्था ‘होप’ ने बड़ा मुकाम हासिल किया है। बनारस में आधा दर्जन से ज्यादा गांवों को गोद ले कर वहां के वाशिंदो को बुनियादी सुविधा दिलाने वाले इन युवाओं ने अब बनारस सहित पूर्वांचल के पर्यटन उद्योग को चमकाने का बीड़ा उठाया है। इनकी पहल ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। राज्य पर्यटन निदेशालय ने इनके प्रस्ताव को अमली जामा पहनाना स्वीकार कर लिया है। इसी के तहत सर्वप्रथम वाराणसी के रामेश्वर स्थित रामेशर महादेव के ऐतिहासिक व प्रचीन मंदिर का जीर्णोद्धार जल्द ही शुरू होने जा रहा है।
बीएचयू, जेएनयू, काशी विद्यापीठ तथा कई अन्य शिक्षण संस्थानों के छात्र- छात्राओं द्वरा स्थापित होप वेलफेयर संस्था जिसमें वर्तमान में 300 से अधिक युवा सदर्य हैं। ये सभी रवि मिश्रा के नेतृत में ग्रामीण विकास का काम ? कर रहे है। इन्होंने अब तक वाराणसी में आधा दर्जन से ज्यादा गांवों को गोद लेकर उनकी दशा सुधारी है। अब होप के युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रवींद्रपुरी कॉलोनी स्थित संसदीय कार्यालय जाकर पूर्वांचल के ऐसे सात गांवों की रिपोर्ट सौंपी जिन्हें विलेज टूरिज्म के तौर पर आसानी से प्रमोट किया जा सकता है। वहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। ये गांव हैं- नगवां (बलिया), औरंगाबाद (गोरखपुर), चुनार (दरगाह शरीफ मार्ग), दीनापुर(वाराणसी) धन्नीपुर (वाराणसी), रामेश्वर(वाराणसी), चिरईगांव (वाराणसी)। युवाओं का मानना है पूर्वांचल में भी विलेज टूरिज्म को प्रमोट कर गांवों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
होप के इस प्रस्ताव को प्रदेश के पर्यटक महानिदेशक ने स्वीकार किया। महानिदेशक ने क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, अविनाश चंद्र मिश्र को इन सातों गांवों पर रिपोर्ट मांगी। साथ ही इन सात गांवों पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया। होप संस्था के दिव्यांश उपाध्याय ने ट्वीट करके रामेश्वर गांव स्थित डेढ़ हजार साल पुराने रामेश्वर मंदिर जो वर्तमान में जर्जर हालत में है का पुनरुद्धार करवाने के लिए पर्यटन विभाग से आग्रह किया। उसी क्रम में पर्यटन महानिदेशक ने क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी को आदेशित कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिया है।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने अवगत कराया कि रामेश्वर मंदिर का पुनरुद्धार प्रसाद योजना के अंतर्गत सुनिश्चित कर लिया गया है। बता दें कि मान्यता यह है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान श्री राम ने की है। यहां ऐतिहासक लोटा-भंटा मेला लगता है। अब इसके अलावा दीनापुर,धन्नीपुर और चिरईगांव वाराणसी शहर से नजदीक होने के कारण टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स, गाइड, द्वारा देशी-विदेशी पर्यटकों का ग्राम में संचालित करने के लिए टूर ऑपरेटर्स ट्रेवल एजेंट्स और गाइड्स प्रेरित करने का काम भी शुरू किया है। पर्यटन विभाग इन गांवों में पर्यटन के दृष्टिकोण से कार्य करेगा। चुनार (दरगाह शरीफ मार्ग) मिट्टी की मूर्ति, खिलौने व बर्तन बनाने के लिए प्रसिद्ध है यहां पर पर्यटन बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा ध्वनि व प्रकाश शो योजना प्रस्तावित की गई है।
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