स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर युवाओं ने स्वामी विवेकानंद के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर देश सेवा का संकल्प लिया। इस अवसर पर युवाओं ने लैंगिक भेदभाव को मिटाने और गाली नही देने की कसमे खाईं। उन्होंने गांव की बहु, बेटियों, मां, बहनों की इज्जत करने का संकल्प लिया। लोक समिति आश्रम में आयोजित कार्याक्रम में लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि युवा स्वस्थ होगा तो देश भी स्वस्थ होगा। देश को स्वस्थ बनाने के लिए युवाओं को नशा, अनुशासन हीनता,असमानता, छुआछूत जैसे सामाजिक बुराइयों से दूर रहना होगा। हमें भयमुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, आतंकवाद मुक्त व विज्ञान, कृषि, कला, खेल सम्पन्न करने के लिए स्वामी विवेकानंद के मार्ग पर चलना होगा।
इस अवसर पर युवाओं ने खुलकर अपने अपने विचार रखे और कहा कि पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। अपने देश में 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा हैं। अर्थात् हमारे देश में अथाह श्रमशक्ति उपलब्ध है। आवश्यकता है। आज हमारे देश की युवा शक्ति को उचित मार्ग दर्शन देकर उन्हें देश की उन्नति में भागीदार बनाने की, उनमे अच्छे संस्कार, उचित शिक्षा एवं प्रोद्यौगिक विशेषज्ञ बनाने की, उन्हें बुरी आदतों जैसे- नशा, जुआ, हिंसा, गाली गलौज मारपीट इत्यादि से बचाने की जरूरत है, क्योंकि चरित्र निर्माण ही देश की, समाज की, उन्नति के लिए आवश्यक है। दुश्चरित्र युवा न तो अपना भला कर सकता है, न समाज का और न ही अपने देश का। देश के निर्माण के लिए, देश की उन्नति के लिए, देश को विश्व के विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा करने के लिए युवा वर्ग को ही मेधावी, श्रमशील, देश भक्त और समाज सेवा की भावना से ओत प्रोत होना होगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नन्दलाल मास्टर,पंचमुखी मास्टर, रामबचन,विकास, शेंया, रोहित मोहन ज्वाला आलोक सरिता सीमा मधुबाला मनजीता सुरेश आदि लोग शामिल रहे। संचालन रामबचन ने किया।