वाराणसी

BJP का मेयर पद पर बड़ा दांव, विपक्षी हो जाएंगे चित्त, जानें कौन है वो…

शहर में अपने हुनर की बदौलत मचा चुकी हैं तहलका। बीजेपी हाईकमान की हैं पसंद।

वाराणसीOct 30, 2017 / 08:33 pm

Ajay Chaturvedi

बीजेपी लोगो

डॉ. अजय कृष्ण चतुर्वेदी

वाराणसी. नगर निगम चुनाव में लगातार पांचवीं बार फतह हासिल करने के लिए बीजेपी ने सटीक रणनीति तैयार कर ली है। खास तौर पर मेयर की सीट किसी कीमत पर वह हाथ से फिलने नहीं देना चाहती। ऐसे में जहां विपक्ष दल अपने नेताओं की पत्नियों या बहुओं को उम्मीदवार बनाने की चाल चल रही है वहीं बीजेपी ने तय किया है कि अपने दम पर शहर में अपनी पहचान स्थापित करने वाली महिला को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया जाए। सूत्रों की मानें तो स्थानीय स्तर पर पार्टी ने जिस प्रत्याशी को तय किया है उस पर पार्टी हाईकमान की भी मुहर लग चुकी है। खास तौर वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इस कलाकार के मुरीद हैं।

बता दें कि बीजेपी का 1995 से ही मेयर पद पर कब्जा है। सरोज सिंह, अमरनाथ यादव, कौशलेंद्र सिंह के बाद राम गोपाल मोहले तक इस प्रतिष्ठित पद की शोभा बन चुके हैं। लेकिन इस बार बीजेपी नई रणनीति के तहत एक ऐसे चेहरे को उतराने के मूड में है जिसकी लोकप्रियता से लगभग पूरा शहर परिचित है। पार्टी सूत्रों के अनुसार यह नाम है मशहूर कथक नृत्यांगना सोनी चौरसिया। वहीं सोनी चौरसिया जिसने साल भर पहले 126 घंटे पांच मिनट तक लगातार कथक नृत्य कर विश्व रिकार्ड कायम किया था। अब वही सोनी चौरसिया भाजपा की मेयर प्रत्याशी होंगी। सूत्र बताते हैं खुद सोनी ने बीजेपी से मेयर पद का टिकट मांगा है। इस नाम के आने के बाद बीजेपी के रणनीतिकारों की बांछें खिल गईं। अच्छी बात तो यह है कि सोनी भले ही राजनीतिक परिवार से नहीं हैं, खुद राजनीति से इनका कोई सरोकार नहीं है, लेकिन बेदाग छवि की इस महिला के साथ देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी की परंपरा है। इस नाम के साथ पार्टी एक ऐसा संदेश देना चाहती है कि वह किस हद तक भारतीय संस्कृति, परंपरा की पोषक है।
हालांकि बीजेपी में सोनी के अलावा भी कुछ अन्य दावेदारों ने भी पेशकश की है। इसमें संकल्प कोचिंग के मालिक अशोक चौरसिया की पत्नी वंदना चौरसिया, पहड़िया के एक डॉक्टर की पत्नी राधिका जायसवाल, रीता जायसवाल और पूर्व पार्षद निर्मला पटेल शामिल हैं। लेकिन इन सभी पर पार्टी सोनी को वरीयता देने के मूड में है। अगर सब कुछ सही रहा तो सोनी के नाम की घोषणा तीन नवंबर को हो जाएगी।
पार्टी सूत्रों ने पत्रिका की उस खबर को भी पुख्ता किया कि इस बार पार्टी मौजूदा पार्षदों के टिकट बदलने जा रही है। लगभग सभी नए चेरहे पार्षद पद के लिए मैदान में उतारे जाएंगे। कुछ ही पुराने पार्षद रह जाएंगे जो अपनी दावेदारी बचा सकें। लेकिन इसे लेकर पार्टी के अंदरखाने बगावत की सुगबुगाहट भी है। बताया जा रहा है कि 25-30 बागी प्रत्याशी भी मैदान में उतर सकते हैं। ये वो बागी होंगे जो पार्टी प्रत्याशियों की नाक में दम करने का दमखम रखते हैं। वैसे दावा यह भी किया जा रहा है कि इस बार बीजेपी 1995 के रिकार्ड को भी ध्वस्त कर देगी जब कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में पार्टी के 48 पार्षद जीत कर सदन में पहुंचे थे। यह अब तक के चारों नगर निगम सदन का रिकार्ड है।
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