वाराणसी

विश्वबैंक की कमान संभालने वाली भारतीय अंशुला कांत का वाराणसी से है ये रिश्ता

अंशुलाकांत को विश्वबैंक ने चीफ फाइनेंस ऑफिसर की जिम्मेदारी दी है।
इसके पहले वह सिंगापोर में एसबीआई की चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर रह चुकी हैं।

वाराणसीJul 14, 2019 / 10:56 am

रफतउद्दीन फरीद

अंशुला कांत

वाराणसी. 1984 से लेकर 2002 तक वाराणसी में एसबीआई की विभिन्न शाखाओं की जिम्मेदारी संभालने वाली काशी की बहू अंशुलाकांत अब विश्वबैंक की कमान संभालेंगी। उन्हें विश्व बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी की जिम्मेदारी मिली है। उनकी इस उपलब्धि पर पूरी काशी गौरवान्वित है। वाराणसी के रथयात्रा में उनका ससुराल है। 1983 में उनकी नियुक्ति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर हुई थी। उनके पास फाइनेंस का 35 साल का अनुभव है।
 

रुड़की युनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति रहे डॉ. भरत सिंह की सुपुत्री अंशुला शुरुआत से ही पढ़ाई-लिखाई में अव्वल रहीं। उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स (इकोनॉमिक्स) की डिग्री ली। उनकी शादी वाराणसी के सीए संजयकांत से हुई। पति संजयकांत के मुताबिक 1983 में उनकी पहली तैनाती एसबीआई में प्रोबेशनरी ऑफिसर की पोस्ट पर हुई। मुरादाबाद और लखनऊ होते हुए वो 1984 में बनारस आ गयीं। बनारस में वो स्टेट बैंक के मेन ब्रांच के अलावा कई शाखाओं में भी रहीं।
 

वो महाराष्ट्र और गोवा में एसबीआई की चीफ जनरल मैनेजर भी रहीं। नेशनल बैंकिंग ग्रूप की वह डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर ‘आपरेशन्स’ भी रहीं। सितम्बर 2018 में उन्हें सिंगापुर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर बनाया गया। वो दो साल तक एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर का पद संभाल चुकी हैं। इसके अलावा वो बैंक्स बोर्ड की मेंबर भी रही हैं।
 

अब 12 जुलाई 2019 को अंशुलकांत को वर्ल्ड बैंक की फाइनेंशियल ऑफिसर बनाई गई हैं और वह फाइनेंशियल व रिस्क मैनेजमेंट देखेंगी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सीएफओ रहते हुए उनके पास 38 अरब डॉलर के रेवेन्यू और 500 अरब डॉलर के एसेट मैनेजमेंट का अनुभव है। एसबीआई में इनोवेटिव टेक्लॉजी का बखूबी इस्तेमाल किया है।
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