प्रियंका ने जिन दो प्रमुख लोगों को यूपी कांग्रेस में बड़ा ओहदा दिया है उन दोनों की खासियत यह है कि दोनों ही ने मोदी लहर में जीत हासिल की है। इसमें से एक को यूपी की कमान सौंप दी तो दूसरे को कांग्रेस विधानमंडल दल का नेता बना दिया। इशारा साफ है अजय कुमार लल्लू और दूसरी हैं आराधना मिश्रा जिन्हें प्यार से लोग मोना कह कर पुकारते हैं।
ये भी पढें- Congress को भारी पड़ सकती है भाजपा की नकल, कइयों के दिखने लगे बागी तेवर बता दें कि मोना यानी आराधना मूल रूप से शीतला मऊ, लालगंज अझारा, प्रतापगढ की मूल निवासी हैं। पूर्वांचल के ब्राह्मण परिवार में अप्रैल 1974 में इनका जन्म हुआ। समाज सेविका हैं। वह कॉमर्स की स्टूडेंट रहीं बीकॉम किया फिर एमबीए किया। पिछले 19 साल से यह उत्तर प्रदेश कांग्रेस की सेवा कर रही हैं। वह अच्छी वक्ता के साथ एक कुशल टीम लीडर भी हैं। टीम प्रबंधन में महारत हासिल है।
मोना ने अपना राजनीतिक जीवन स्थानीय निकाय चुनाव से शुरू किया। वह लगातार तीन बार (2001- 2006, 2006-2011, 2011-2014) प्रतापगढ के रामपुर संग्रामगढ ब्लॉक से ब्लाक प्रमुख रहीं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य निगरानी और सतर्कता समिति की सदस्य की जिम्मेदारी संभाली। वह उत्तर प्रदेश चुनाव मीडिया अभियान समिति 2012 की सक्रिय सदस्य भी रहीं और राहुल गांघी के लिए मीडिया की राजनीतिक जिम्मेदारी भी संभाली।
वह कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान संचालन भी कर रही हैं। इसके अलावा विकलांगों की जरूरत पूर्ति की खातिर सरयू समाज कल्याण संस्थान से जुड़ी हैं। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय व उत्तर प्रदेश सरकार के सामाजिक विकास कार्यक्रम से भी जुड़ाव है।
ये भी पढें- Priyanka Gandhi ने बदला ठिकाना, अब रहेंगी यहां, देंगी योगी और अखिलेश को टक्कर उन्हें 2008 में विकलांगं के उत्थान के लिए काम करने की खातिर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह कई अंतर्राष्ट्रीय कामयाब पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। राज्यपाल बीएल जोशी ने उन्हें सामाजिक कार्य व मीडिया के लिए विशेष योगदान की खातिर जगदीश नारायण मिश्र पुरस्कार से सम्मानित किया था। 2010 में मॉरिशस के राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ द्वारा PURVAIYA SAMMAN से सम्मानित हुईं।