script#Once Upon A Time- काशी में इन महादेव की पूजा के बाद हुआ था स्वामी विवेकानंद का जन्म, जानें कहां है इनका शिवलिंग | Know about Atma Visheshwar temple and relation with kashi Vishwanath | Patrika News

#Once Upon A Time- काशी में इन महादेव की पूजा के बाद हुआ था स्वामी विवेकानंद का जन्म, जानें कहां है इनका शिवलिंग

locationवाराणसीPublished: Oct 05, 2019 02:53:38 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

#Once Upon A Time जानें कहां बसती है काशी विश्वनाथ आत्मा- काशी में कहां हैं काशी विश्वनाथ की आत्मा का मंदिर-क्या है मान्यता, कैसे होती है पूजा-अर्चना

Atma Visheswara Temple

Atma Visheswara Temple

डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी

वाराणसी. आदि देव शंकर की महिमा को समझ पाना सबके लिए आसान नहीं। उनके कितने रूप हैं, किन-किन रूपों में उनकी महिमा क्या है, क्या-क्या है उनका नाम, वह कब कहां रहते हैं, कहां वह रहते हैं और कहां उनकी आत्मा रहती है। यह सब समझ पाना हर किसी के बस की बात नहीं। लेकिन भगवान शंकर हैं वही जिन्होंने काशी नगरी को बसाया। यहीं उनका धाम है, लेकिन इसी काशी में जो कुछ बताया जाता है उनके बारे में वह चकित कर देने वाला है।
ये तो सभी जानते हैं कि काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी क्षेत्र में स्थित है। लेकिन उनकी आत्मा कहां वास करती है यह कम ही लोग जानते होंगे। और यह जानकर आश्चर्य भी होता है कि किसी देव का मूल स्वरूप कहीं हो और उनकी आत्मा कहीं और वास करती हो। लेकिन ऐसा ही है। पत्रिका संवाददाता जब इसकी तलाश में निकला तो पहुंच गया संकठा मंदिर के पीछे स्थित कात्यायनी मंदिर में। वहां जो जानकारी मिली वह हैरत में डालने वाली रही।
मां कात्यायनी देवी के गर्भ गृह में एक शिवलिंग भी है। कौतूहलवश जब मंदिर के महंत पंडित रविशंकर से पूछा कि इन महादेव के बारे में बताएं तो उनका जवाब सुनकर दंग रह गया। महंत पंडित मिश्र ने बताया कि यह आत्म विशेश्वर महादेव का शिवलिंग है। बताया कि यह श्री काशी विश्वनाथ की आत्मा के रूप में पूजे जाते हैं। इसी शिवलिंग में बाबा विश्वनाथ की आत्मा बसती है। इस शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से हर मुराद पूरी होती है। बताया कि ऐसा धर्म शास्त्रों में भी वर्णित है। पंडित मिश्र ने बताया कि जिस तरह के श्री काशी विश्वनाथ की पूजा-अर्चना होती है, जो-जो आरती बाबा विश्वनाथ की होती है वो सारी प्रक्रिया यहां भी होती है। यहां भी शाम के समय सप्तश्री आरती होती है।
स्वामी विवेकानंद के पिता, विश्वनाथ दत्त और माता भुवनेश्वरी देवी का दुर्लभ चित्र
IMAGE CREDIT: पत्रिका
इस गर्भ गृह में एक तस्वीर रखी है, उसके बारे में पंडित जी ने बताया कि यह स्वामी विवेकानंद के माता-पिता हैं। अब इनके बारे में जो उन्होंने बताया वह भी कम चौंकाने वाला नहीं। बताया कि स्वामी विवेकानंद तो स्वामी जी का तीसरा नाम है। आगे बताया कि स्वामी जी के पिता, विश्वनाथ दत्त और माता भुवनेश्वरी देवी को काफी समय तक को संतान नहीं हुई। वो दोनों काफी परेशान थे। ऐसे में वो काशी आए, उन्हें किसी ने बताया कि आप आत्म विशेश्वर मंदिर में जाएं वहां बाबा विश्वनाथ की आत्मा का शिवलिंग है। उनकी पूजा-अर्चना करें, योग्य पुत्र की प्राप्ति होना तय है। पंडित रविशंकर ने बताया कि स्वामी जी के माता-पिता को जैसा बताया गया था उन्होंने वैसा ही किया, इस आत्म विशेश्वर महादेव की पूजा की जिसके फलस्वरूप उन्हें 12 जनवरी 1863 को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जिसका नाम रखा गया वीरेश्वेर, जो बाद में नरेंद्र और फिर स्वामी राम कृष्ण परमहंस के सानिध्य में आने के बाद स्वामी विवेकानंद हुआ।
उन्होंने बताया कि इस मंदिर परिसर में मां कात्यायनी, आत्म विशेश्वर का शिवलिंग तो है ही साथ में सभी नवग्रह का विग्रह भी है। यह काफी प्राचीन मंदिर है। श्री काशी विश्वनाथ से भी पुराना है यह मंदिर।

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