काशी विद्यापीठ ब्लॉक के काशीपुर कुरहुआ गांव निवासी सिद्धार्थ राजभर एक सामान्य से किसान परिवार से ताल्लुख रखते हैं। पांच भाई और दो बहनों में बीच के हैं सिद्धार्थ। पिता मेहनतकश इंसान है और उन्हीं से इन्होंने मेहनत और ईमानदारी का सबक सीखा है। सिद्धार्थ पढ़े लिखे इंसान हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से 2017 में गणित ऑनर्स के साथ बीएससी की शिक्षा ग्रहण की है।
सिद्धार्थ राजभर ने बताया कि वह किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध चुनाव नहीं लड़ने जा रहे बल्कि उनकी अपनी प्राथमिकताएं है। उन्होंने बचपन से अब तक जो कष्ट देखा है, सहा है उसके खात्मे के लिए सियासत का रास्ता चुना है। गांव के गरीब, दलित, अति पिछड़े किस तरह से भूखमरी, बेगारी से जूझ रहे हैं, यहां का किसान किस तरह से दम तोड़ रहा है। किस तरह से गांव के एक सामान्य व्यकित को राशन कार्ड तक मयस्सर नहीं है। गांवों में न नाली है न खड़ंजा है। विकास का दावा करने वाले इस भाजपा के शासन में भी जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र का यह हाल है। ऐसे में हम इन्हीं मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं।
पार्टी के जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ ने कहा कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और हम सब के नेता ओमप्रकाश राजभर ने जो विश्वास हम पर जताया है उसी विश्वास के साथ जमकर चुनाव लड़ेंगे। उनका भरोसा टूटने नहीं देंगे। जिस तरह से एक सामान्य कार्यकर्ता को अध्यक्ष जी ने सम्मान दिया है उसका सम्मान हम भी रखेंगे।
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