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जानिए कब है हरतालिका तीज, भूलकर भी न करें ये काम

locationवाराणसीPublished: Aug 25, 2019 04:23:41 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

ऐसे करें हरतालिका तीज का व्रत

Hartalika Teej

Hartalika Teej

वाराणसी. हरतालिका तीज बहुत ही कठिन और फलदायी व्रत माना जाता है। इसमें महिलाएं सुबह से दूसरे दिन तक पानी भी ग्रहण नहीं करती हैं और रतजगा भी करता है। व्रत रखने वाली अधिकतर महिलाएं कुछ भी ठोस खाना नहीं पसंद करती है। इस व्रत में पानी भी नहीं पीया जाता है। इस व्रत में सुबह स्नान के बाद भगवान शिव-पार्वती की पूजा का महत्व है। पूरे दिन भजन गाया जाता है और हरतालिका व्रत की कथा सुनाई जाती है। मान्यता के मुताबिक ऐसा करने से महिलाएं पूरी तरह से शुद्ध मानी जाती हैं। कुछ स्थानों पर झूला झूलने की भी परंपरा है। यह व्रत महिलाओं के विवाह से भी जुडा़ होता है, इसलिए इसे अत्यंत शिद्दत के साथ किया जाता है।
ऐसे करें हरतालिका तीज का व्रत
हरतालिका तीज का व्रत अत्‍यंत कठिन माना जाता है। यह निर्जला व्रत है यानी कि व्रत के पारण से पहले पानी की एक बूंद भी ग्रहण करना वर्जित है. व्रत के दिन सुबह-सवेरे स्‍नान करने के बाद “उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये” मंत्र का उच्‍चारण करते हुए व्रत का संकल्‍प लिया जाता है।
भूलकर भी नहीं करें ये काम
– इस व्रत को सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्‍याएं रखती हैं. लेकिन एक बार व्रत रखने के बाद जीवन भर इस व्रत को रखना पड़ता है।
– अगर महिला ज्‍यादा बीमार है तो उसके बदले घर की अन्‍य महिला या फिर पति भी इस व्रत को रख सकता है।
– व्रत करने वाली महिला को किसी पर भी गुस्‍सा नहीं करना चाहिए. यही वजह है कि इस दिन महिलाएं मेहंदी लगाती हैं।
– व्रत करने वाली महिला को पति के साथ क्‍लेश नहीं करना चाहिए. मान्‍यता है कि ऐसा करने से व्रत अधूरा रह जाता है।
– अगर आप इस व्रत को रख रही हैं तो किसी बुजुर्ग का अपमान न करें। मान्‍यता है कि ऐसा करने से व्रत का प्रताप नहीं मिलता है।
– इस व्रत में सोने की मनाही है. यहां तक कि रात को भी सोना वर्जित है. रात के वक्‍त भजन-कीर्तन किया जाता है. मान्‍यता है कि इस दिन व्रत करने वाली महिला अगर रात को सो जाए तो वह अगले जन्‍म में अजगर बनती है।
– मान्‍यता है कि अगर व्रत करने वाली महिला इस दिन गलती से भी कुछ खा-पी ले तो वह अगले जन्‍म में बंदर बनती है।
– मान्‍यता है कि अगर व्रत करने वाली महिला इस दिन दूध पी ले तो वह अगले जन्‍म में सर्प योनि में पैदा होती है।
– व्रत अगले दिन सूर्योदय के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाने के बाद ही तोड़ा जाता है।

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