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डाकखानों में गुम हो गईं दादा-दादी की चिट्ठीयां, अब नहीं दिखते पोते के टेंढे मेढ़े लिखे अल्फाज

locationवाराणसीPublished: Oct 12, 2017 03:00:38 pm

गुजरे जमाने की बात हुईं चिट्ठीयां
 

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गुजरे जमाने की बात हुईं चिट्ठीयां

इलाहाबाद. अब डाकखानों में दादा-दादी के नाम वो चिट्ठीयां जैसे गुम सी हो गई हैं। जिनके ऊपर लिखा होता था ”मेरे प्रिय, दादा-दादी जी…“। जिसे देखते ही दादा को एहसास हो जाता था कि चिट्ठी पर लिखे टेढ़े मेढ़े शब्द उसके पोते ने कांपते हाथों से पहली बार मेरे नाम लिखा है। चेहरा खिल उठता था। दादा को अपनी खुशी का इजहार चिट्ठी से पहुंचाने में हफ्ते लग जाया करते थे।

वहीं अगर अब के दौर की बात करें तो गुलजार की लिखी ”जबां पर जायका आता था जो साफा पलटने का, अब उंगली क्लिक करने से बस एक झपकी गुजरती है …“ पंक्तियां याद आ जाती हैं। जी हां, अब डाक विभाग भी यह मानता है कि अब वो दादा-दादी, नाना-नानी या हालचाल पूछने वाली चिट्ठियों का दौर खत्म हो गया। अब डाक विभाग में भी नजर नहीं आतीं। क्योंकि उन चिट्ठीयों की जगह अब कम्प्यूटर और मोबाइल ने ले लिया है। जिस संदेश को पहुंचने में कई बार सप्ताह से महीने तक लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता था। दरवाजे के सामने डाकिया को देखते ही चेहरा खिल उठता था। अब ना तो वो चिट्ठीयां दिखती हैं और ना ही इंतजार। पलक झपकते ही लोग फोन पर एक दूसरे का हालचाल ले रहे हैं। इलाहाबाद पोस्ट मास्टर जनरल एमयू अब्दाली ने बताया कि अब दादा-दादी, नाना-नानी या चिट्ठीयां लिख कर हालचाल लेने का चलन गायब सा हो गया है। मोबाइल, कम्प्यूटर का जमाना है। लोग फोन पर हालचाल लेने के साथ ही वाट्सएप, फेसबुक, ई-मेल, ट्वीटर सहित अन्य माध्यम का पूरा उपयोग कर रहे हैं।
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डाक विभाग सेवा कोरियर कंपनियों पर भारी
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि वो चिट्ठीयां बंद हो गईं तो डाकखाने भी बंद होने की कगार पर हैं। बल्कि पहले की अपेक्षा कोरियर, स्पीड पोस्ट में बढ़ोत्तरी ही हुई है। निजी कोरियर कंपनियां आज भी डाक सुविधा से काफी पीछे हैं। डाक विभाग लगातार कोरियर, स्पीड पोस्ट करने वाले निजी संस्थानों को पीछे करता आ रहा है। सीएजी की रिपोर्ट में भी यह सामने आया है। डाक विभाग की तेजी का ही असर है कि आज भी लोग विभिन्न जगहों के दस्तावेज, नौकरी संबंधित लेटर, विभिन्न जगहों के लिए किए जाने वाले आवेदन, रोजगार के लिए आवेदन सहित अन्य चीजें डाक विभाग के माध्यम से ही भेज रहे हैं।
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समय के साथ डाक विभाग अपग्रेड
आधुनिकता के दौर में डाक विभाग ने भी खुद को तेजी से अपग्रेड किया है। ताकि निजी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे सकें। वर्तमान में ना केवल डाकविभाग कंप्यूटरीकृत हुआ है। बल्कि आधुनिक प्रणाली का भरपूर उपयोग हो रहा है। जो लोग कोरियर कर रहे हैं। उन्हें कोरियर रास्ते में कहां तक पहुंचा इसकी पल-पल जानकारी मिल रही है। डाक विभाग की अच्छी सेवा के कारण ही लोगो का इस पर विश्वास बना हुआ है। इसके अलावा डाक विभाग विभिन्न लाभकारी व सरकारी योजनाओें लोगों को लाभान्वित भी कर रहा है। पोस्ट मास्टर जनरल एमयू अब्दाली ने बताया कि आज भी देश में जितने राष्ट्रीयकृत बैंक हैं। उन सभी के खाताधारकों को मिला लिया जाए तब भी डाक विभाग के खाताधारकों तक नहीं पहुंचते। उन्होंने बताया कि डाक विभाग अपनी विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से लगातार लोगों को लाभ पहुंचा रहा है।
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मनाया जा रहा राष्ट्रीय डाक सप्ताह
देश के विभिन्न प्रधान डाकघरों व डाकघरों में 9 अक्टूबर से धूमधाम से राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाया जा रहा है। इलाहाबाद के प्रधान डाकघर में भी सात दिनों तक लगातार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। जिसमें अलग-अलग दिन जैसे वल्र्ड पोस्ट डे, बैंकिंग डे, पीएलआई डे, बिजनेस डेवलप्मेंट डे, मेल डे के रूप में मना रह हैं। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को डाक विभाग की ना केवल विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से परिचित कराया जा रहा है। बल्कि इसमें शिक्षकों, स्कूली बच्चों को भी जोड़ कर उन्हें कई चीजों की जानकारी दी जा रही है।
input- अरूण रंजन

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