वाराणसी

लोकसभा चुनाव 2019 : चाहे जितने हों प्रत्याशी, नहीं होगा बैलेट पेपर से मतदान, चुनाव आयोग के पास है नई ईवीएम

– नई किस्म की ईवीएम में नोटा के साथ 384 उम्मीदवारों की क्षमता–तो बनारस में भी होंगे एम-3 ईवीएम से चुनाव-सबसे पहले निजामाबाद में होगा इसका इस्तेमाल

वाराणसीApr 07, 2019 / 04:25 pm

Ajay Chaturvedi

M-3 EVM

वाराणसी. 17वीं लोकसभा के लिए होने वाले मतदान में उम्मीदवार चाहे जितने हों बैलेट पेपर से चुनाव नहीं होगा। निर्वाचन आयोग ने खास इंतजाम कर लिया है। अब सौ क्या दो नहीं तीन सौ से ज्याद उम्मीदवार भी उतर आएं तो भी ईवीएम से ही मतदान कराया जाएगा। इसकी तैयारी बनारस निर्वाचन कार्यालय ने भी कर ली है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणईसी से चुनाव लड़ने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। सबसे पहले तमिलनाडु के 111 किसानो ने बनारस से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उसके बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी बनारस पहुंचे और रोड शो कर बनारस से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। फिर 07 अप्रैल को बनारस पहुंचे बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने भी बनारस ही पीएम के खिलाफ मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। अभी समाजवादी पार्टी, कांग्रेस ने पत्ते खोले नहीं है। ये भी संभव है कि 2014 की तरह कई निर्दल भी मैदान में आ जाएं। ऐसे में प्रत्याशियों की यह संख्या 125 से 150 तक पहुंच सकती है।
2014 में 74 ने भरा था पर्चा
बता दें कि 2014 में नामांकन के अंतिम दिन समय पूरा होने तक 74 लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। उस वक्त भी लगा था कि ईवीएम नहीं बल्कि बैलेट पेपर से ही मतदान होगा। लेकिन नामांकन पत्रों की जांच बहुत शक्ति से की गई जिसका नतीजा निकला कि 25 नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए थे। फिर नामवापसी के दिन सात अन्य ने अपना पर्चा वापस ले लिया था। तब भी कुल 42 प्रत्याशी मैदान में थे। यहां यह भी बता दें कि 2014 के चुनाव में 2051 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था।
42 प्रत्याशी थे मैदान में

1- नरेंद्र मोदी (भाजपा)
2- अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी)
3- अजय राय (कांग्रेस)
4- विजय प्रकाश जायसवाल (बसपा)
5- कैलाश चौरसिया (सपा)
6- राजेश भारती सूर्या (राष्ट्रीय अम्बेडकर दल)
7- अरुन (भारतीय शक्ति चेतना पार्टी)
8- सर्वेश कुमार गुप्ता ( निर्दल)
9- बसीर किन्नर (निर्दल)
10- इंदिरा तिवारी (ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस)
11- हीरालाल यादव (सीपीएम)
12- इफ्तिखार कुरैशी (निर्दल)
13- नरेंद्र नाथ दुबे अडिग (जन शक्ति एकता पार्टी)
14- एके अग्रवाल (एजीआर जन पार्टी)
15- शिवहरि अग्रवाल (भारतीय निर्वाण पार्टी)
16- प्रमोद कुमार (निर्दल)
17- देवी प्रसाद नंद (मौलिक अधिकार पार्टी)
18- अभिमन्यु सिंह पटेल (बहुजन मुक्ति पार्टी)
19- जॉनसन थॉमस (निर्दल)
20- संतोष कुमार (राष्ट्रीय विकास मंच पार्टी)
21- राम लखन गुप्ता (जनतंत्र पार्टी)
22- राजेंद्र प्रसाद उर्फ गरीब दास (निर्दल)
23- प्रकाश प्रसाद (निर्दल)
24- नरेंद्र बहादुर सिंह (निर्दल)
25- हेमंत कुमार यादव
26- बच्चन प्रसाद यादव (निर्दल)
27- बच्चेलाल (लोकप्रिय समाज पार्टी)
28- घनश्याम (निर्दल)
29- ओम गुरु चरन दास उर्फ विमल कुमार सिंह (सनातन संस्कृति रक्षा दल)
30- प्रभात कुमार
31- मनोज कुमार चौबे (निर्दल)
32- रविंद्र कुमार (निर्दल)
33- लल्लन (मानवाधिकार जनशक्ति पार्टी)
34- अहम सोहेल सिद्दकी (निर्दल)
35- उस्मान (राष्ट्रीय अपना दल)
36- हरी लाल (राष्ट्रीय इंसाफ पार्टी)
37- राजीव कुमार मिश्रा (निर्दल)
38- सत्यप्रकाश श्रीवास्तव (निर्दल)
39- महेंद्र मिश्रा (निर्दल)
40- सतीश शंकर जायसवाल (निर्दल)
41- रामप्यारे सिंह (निर्दल)
42- शिव कुमार शाह (निर्दल)
बोले डीएम उम्मीदवार चाहे जितने हों मतदान ईवीएम से

यहां यह भी बता दें कि अब तक ईवीएम की जो क्षमता होती रही है उसमें अधिकतम 64 उम्मीदवारों का ही नाम फीड किया जा सकता था। लेकिन निर्वाचन आयोग ने चुनाव ईवीएम से चुनाव कराने का पुख्ता इंतजाम कर लिया है। पत्रिका से बातचीत में जिला निर्वाचन अधिकारी/ डीएम सुरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रत्याशी चाहे जितने हों ईवीएम से ही चुनाव होगा। किसी सूरत में बैलेट पेपर से चुनाव नहीं होगा। हमारे पास है पुख्ता इंतजाम।
बनारस तैयार

तैयारी है कि अगर बनारस में प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा होती है कि निर्वाचन विभाग एम-3 ईवीएम से चुनाव करा सकता है। पिछली बार टाइप-2 ईवीएम से मतदान हुआ था, जिसमें सिर्फ 64 उम्मीदवारों को ही लेने की क्षमता होती है।
ये है एम-3 ईवीएम की विशेषता

एम-3 में टेंपर डिटेक्शन का फीचर भी है। इसके तहत यदि इससे कोई छेड़छाड़ करता है तो यह अपने आप काम करना बंद कर देती है। इसके अलावा इस मशीन की खासियत यह भी है कि यह किसी तरह की गड़बड़ी को खुद दुरस्त कर लेती है। मतलब अगर सॉफ्टवेयर में कोई फाल्ट है तो यह उसे पकड़ लेगी। फॉल्ट इसके डिस्प्ले पर प्रदर्शित होने लगेगा। यही नहीं मशीन की कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट में आपस में संवाद करने में सक्षम हैं। ऐसे में अगर बाहर से कोई कंट्रोल यूनिट या बैलट यूनिट लगाई जाएगी तो इसके डिजिटल सिग्नेचर मैच नहीं होंगे और सिस्टम काम करना बंद कर देगा। नई किस्म की एम-3 ईवीएम में 384 उम्मीदवारों के साथ नोटा को जोड़ा जा सकता है।
एम-3 ईवीएम में 24 बैलट यूनिट

बीईएल द्वारा बनाई गई नई किस्म की एम-3 ईवीएम में 24 बैलट यूनिट (एक बैलट यूनिट में 16 उम्मीदवार) जोड़े जा सकते हैं। इससे पूर्व टाइप-2 ईवीएम में सिर्फ 64 उम्मीदवारों को ही लेने की क्षमता थी। इससे ज्यादा उम्मीदवार होने की स्थिति में मतदान के लिए बैलट पेपर इस्तेमाल का प्रावधान था।
बनारस में मतदान के लिए उपलब्ध संसाधन

4798 बैलट यूनिट

3490 कंट्रोल यूनिट

3771 वीवीपैट

2920 मतदान केंद्र

लोकसभा में एम-3 ईवीएम का पहला इस्तेमाल तेलंगाना की निजामाबाद में
बता दें कि लोकसभा चुनाव में इस नई किस्म की एम-3 ईवीएम का पहला इस्तेमाल तेलंगाना की निजामाबाद संसदीय सीट पर होने जा रहा है। निजामाबाद सीट पर 185 उम्मीदवार मैदान में हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। बावजूद इसके अब इस सीट पर बैलट पेपर से नहीं बल्कि एम-3 ईवीएम से ही चुनाव होंगे। यही स्थिति बनारस में भी बन सकती है।

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