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वाराणसी

ओमप्रकाश राजभर को सबसे बड़ा झटका, सुभासपा के संस्थापक सदस्य की पार्टी इन सीटों पर लड़ेगी चुनाव

राजभर वोट का होगा बंटवारा, लोकसभा चुनाव 2019 के पहले बना नया समीकरण

वाराणसीDec 31, 2018 / 01:53 pm

Devesh Singh

Om Prakash Rajbhar

Om Prakash Rajbhar

वाराणसी. सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को सबसे बड़ा झटका लगा है। सुभासपा के संस्थापक संदस्य रहे नेता की पार्टी अब लोकसभा चुनाव मे प्रत्याशी उतारेगी। ऐसा होने पर राजभर वोटरों में बंटवार हो जायेगा। राजभरों की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की ताकत कमजोर हो जायेगी।
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Madan Rajbhar
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सुभासपा के संस्थापक सदस्य रहे मदन राजभर ने भारतीय संघर्ष समाज पार्टी के नाम से नयी पार्टी बनायी है और पांच दिन पहले सभा कर अपनी ताकत भी दिखायी है। ओमप्रकाश राजभर के कभी करीबी माने जाने वाले मदन राजभर के अलग होने से सुभासपा को बड़ा झटका लगा है। पत्रिका से बातचीत में मदर राजभर ने बताया कि कार्यकर्ताओं की मांग है कि उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़े। बनारस, गोरखपुर, मऊ, देवरिया, आजमगढ़, चंदौली, बलिया आदि लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतराने की तैयारी की है। मदन राजभर ने कहा कि जिन उद्देश्यों के साथ सुभासपा बनायी गयी थी वह उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया है। ओमप्रकाश राजभर ने कभी चुनाव नहीं लडऩे, पद नहीं लेने की बात कही थी। सुभासपा के उद्देश्य था कि राजभर व अन्य पिछड़ी जाति के लोगों को उनका हक दिलाने की लड़ाई लडऩी थी लेकिन ओमप्रकाश राजभर अपने सिद्धांतों से भटक गये हैं। पार्टी में परिवारवाद हावी हो गया है। ऐसे में उन्हें अलग होकर अपनी नर्यी पार्टी बनानी पड़ी है जो लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारेगी।
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महागठबंधन या बीजेपी के साथ जाने पर नहीं किया विचार
भारतीय संघर्ष समाज पाटी के मदन राजभर ने कहा कि राहुल गांधी, मायावती व अखिलेश यादव के संभावित महागठबंधन के साथ जाने को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया है। बीजेपी व सुभासपा के गठबंधन है ऐसे में भारतीय संघर्ष समाज पाटी ने बीजेपी के साथ जाने पर भी कोई मंथन नहीं चल रहा है। मदर राजभर ने कहा कि कार्यकर्ताओं की मांग है कि पहले संगठन मजबूत किया जाये। इसके बाद अपने दम पर पूर्वांचल की सीटों पर चुनाव लड़ कर सभी को ताकत दिखायी जाये।
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जानिए कैसे ओमप्रकाश राजभर को लगा सबसे तगड़ा झटका
यूपी में ओमप्रकाश राजभर को ही राजभर समाज का सबसे बड़ा नेता माना जाता है। बीजेपी ने राजभर वोटों की लालच में ही सुभासपा से गठबंधन किया है। अब मदन राजभर के अगल होने से सुभासपा कमजोर होगी। बीजेपी के पास सबसे बड़ा राजभर नेता अनिल राजभर है, लेकिन जब भीड़ जुटा कर ताकत दिखानी होती है तो ओमप्रकाश राजभर सबसे आगे हो जाते हैं। मदन राजभर की पार्टी चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करती है और जितने राजभर वोटरों के अपने पक्ष में करने में कामयाबा होती है उतना ही नुकसान सुभासपा को होगा। ओमप्रकाश राजभर कमजोर होंगे तो लोकसभा चुनाव २०१९ में बीजेपी पर अधिक सीट लेने का दबाव नहीं बनाय पायेंगे। ऐसे में मदन राजभर के प्रत्याशी खड़ा करने से सबसे तगड़ा झटका ओमप्रकाश राजभर को ही लगेगा।
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