आत्मरक्षा को सीखा जूडो कराटे, अब सामाजिक कुरीतियों से लड़ रही हैं।
Green group
वाराणसी. ग्रामीण महिलाओं ने सीख लिया आत्मरक्षा का ककहरा। अब वे सामाजिक कुरीतियों से लड़ने को हैं तैयार। ये सब किसी सरकारी प्रयास का नतीजा नहीं बल्कि कुछ मुट्ठी भर युवाओं की देन है, जिन्होंने एक दो नहीं करीब आधा दर्जन गांवों को गोद लिया और गांव को संवारने के साथ महिलाओं और बेटियों का जीवन भी संवार दिया। गांवों की महिलाओं के हुनर ने सभी को अचंभित कर दिया है। ये महिलाएं जूडो कराटे की मास्टर हो चुकी हैं। अब तो वे हस्ताक्षर भी कर लेती हैं। उन्हें अपने अधिकार और कर्तव्य की पूरी जानकारी है।
बता दें कि छात्र और छात्राओं की टीम होप वेलफेयर के सदस्यों ने भद्रासी, रामसीपुर, जगरदेवपुर गांव में ग्रीन ग्रुप का गठन किया। 25 महिलाओं द्वारा बनाया गया ग्रीन ग्रुप 3 महीने के प्रशिक्षण के बाद रविवार (30 जुलाई 2017 को एसडीएम राजातलाब और सीओ सदर के निर्देशन में अपने कार्य की शुरुआत की। ग्रीन ग्रुप की ये वो महिलाएं हैं जो 3 माह के प्रशिक्षण से पूर्व तक निरक्षर थीं। अपने अधिकार के प्रति विमुख थीं। लेकिन अब वे आबला नहीं रहीं। वे अपने अधिकार के साथ अपने कर्तव्य के प्रति भी जागरुक हो चुकी हैं।
रविवार को तड़के हुई भारी बारिश भी इनके उत्साह को डिगा नहीं सकीं। वे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत नियत स्थान पर पहुंचीं। एसडीएम ईशा दुहन और सीओ स्नेहा तिवारी ने इन महिलाओं को हरी झंडी दिखाकर अपने अपने क्षेत्र में रवाना किया। एसडीएम ने कहा कि ग्रीन ग्रुप की मांग अब सिर्फ बनारस तक नही बल्कि हर उस जगह है जहां की महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार है। उन्होंने देश की वीरांगनाओं का स्मरण करते हुए महिलाओं के बीच उदाहरण प्रस्तुत किया तथा पुराने ग्रीन ग्रुप महिलाओं को चुनाव अभियान के समय अपने सक्रिय भागीदारी तथा प्रशासनिक सहयोग देने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि इनके प्रयास से ही वोटिंग प्रतिशत में पिछली बार की अपेक्षा इस बार विधानसभा चुनाव में 10 फीसदी का इजाफा हुआ। बता दें कि ग्रीन ग्रुप की महिलाएं चुनाव के समय गांव से शहर तक घर घर जाकर सोहर गीत गाकर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया था। एसडीएम ने भविष्य में प्रशासनिक सहयोग देते रहने के लिए इन महिलाओं से आग्रह भी किया।
सीओ स्नेहा तिवारी ने ग्रीन ग्रुप महिलाओं को पुलिस मित्र का दर्जा दिया। हर संभव पुलिस मदद का आश्वासन दिया और समय समय पर गांव मे पुलिस गश्त बढ़ाने का भी वादा किया। सीओ तिवारी ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहां कि पहली बार जब ग्रीन ग्रुप का गठन किया गया था उस समय से अब तक यह एक नई सोच बिल्कुल सही दिशा में जा रही है। इस नए विचार को लाने के लिए उन्होंने होप के युवाओं की पहल की सराहना की।
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बता दें कि ये महिलाएं अपने -अपने गांव में जुआ, नशा तथा अन्य सामाजिक बुराइयों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए तैयार हो चुकी हैं। इनका हर कार्य अहिंसा को केंद्र में रखकर होता है। आत्मरक्षा के लिहाज से जुडो का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर चुकी है।
होप संस्था ने इससे पहले देवरा तथा खूशियारी गांव में भी ग्रीन ग्रुप का गठन किया था जिनके कार्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया और इन पर डॉक्यूमेंट्री भी तैयार हुई। पहले से तैयार देवरा और खुशियारी गांव में गठित ग्रीन ग्रुप का वांछित परिणाम सामने आया है। अब इन गांव में महिलाएं पुरुषों की बराबरी कर रही हैं। प्रधान के समक्ष अपनी समस्या रखती हैं साथ ही अन्य ग्रामीण महिलाओं की तकलीफो से प्रधान को समय- समय पर अवगत करवा रही हैं। नौकरशाही पर नैतिक दबाव बनाकर सवाल-जवाब भी करती हैं।
बनारस मुख्यालय में अपनी शिकायतों को लेकर इनका आना जाना अफसरों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है। गांव में पौधरोपण के अलावा स्वच्छता का संदेश देने के लिए घर-घर जा रही हैं ये ग्रीन ग्रुप की सदस्य। साथ ही प्रधान के साथ चौपाल लगाकर सामाजिक बुराई जैसे- दहेज प्रथा, बाल विवाह के खिलाफ भी ये मुखर हैं। ग्रीन ग्रुप महिला सशक्तिकरण का दूसरा नाम है।
उद्घाटन के अवसर पर एसडीएम और सीओ घमहापुर और परजनपुर के प्रधान को पर्यावरण सचेतक होने के कारण सम्मानित किया। पिछले वर्ष होप के युवाओं के नेतृत्व में कमिश्नर ने इन गांव में पौधरोपण किया था। इन प्रधानों ने उन पौधों को सींचकर आज पेड़ का शक्ल प्रदान किया है। इस पूरे कार्यक्रम में सात गांव के ग्राम प्रधान मौजूद थे, जिसमे देवरा, घमहापुर ,रामसीपुर भद्रासी,परजनपुर, खुशियारी, जगरदेवपुर ,प्रमुख हैं। उन्हें सम्मान स्वरूप एक एक पौधा देकर उनके गांव में भेजा गया।
इस मौके पर होप की तरफ से नेतृत्व कर्ता रवि मिश्रा के साथ दिव्यांशु उपाध्याय, धर्मेंद्र यादव, विकास दीक्षित, सौरभ राठौर, श्यामकांत,आकाश देवार्थी, संदीप, अवनीश, मंजू कर्वे, कल्पना, पूजा, आशा, अंकिता, आकांक्षा आदि मौजूद रहे।