scriptलोकतंत्र में बहुमतवाद खतरनाकः प्रो अपूर्वानंद | Majoritarianism in democracy is dangerous said Apurvananda | Patrika News

लोकतंत्र में बहुमतवाद खतरनाकः प्रो अपूर्वानंद

locationवाराणसीPublished: Oct 11, 2019 07:46:49 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

बनारस में जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन सम्मेलन के पहले दिन जुटे राज्य भर के सामाजिक कार्यकर्ता प्रो अपूर्वानंद और डॉ सौरभ बाजपेयी सरीखे शिक्षाविदों ने की राजनीतिक बहससांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बाधी समां

बनारस में जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन

बनारस में जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन

वाराणसी. नदी को बचाने का संघर्ष जिंदगी को बचाने का भी संघर्ष है। वर्तमान समय में ज्यादा उपभोग करने को विकास कहा जा रहा है जो की वास्तव में विनाश है। लोकतंत्र में बहुमतवाद को खतरनाक बताया। जनतंत्र में लोक का महत्व बतलाते है, दोनों का परस्पर समन्वय नितांत अनिवार्य है। यह कहना है प्रो अपूर्वानंद का। वह शुक्रवार को लोक चेतना समिति, चिरईगांव, वाराणसी में ‘ जन आंदोलनो का राष्ट्रीय समन्वय ‘ ( NAPM ) के दो दिवसीय राज्य सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। विषय था विषय है ‘ लोकतन्त्र पर बढ़ते खतरे : हमारे सविंधान और अस्मिता का सवाल।’ इसके उपशीर्षक ‘संकुचित राष्ट्रवाद में सिकुडता समाज’ पर प्रो अपूर्वानंद ने प्रो अपूर्वानंद ने ” नर्मदा बचाओ आंदोलन की बात करते हुए अपनी बेबाक टिप्पणी की।
बता दें कि NAPM के इस दो दिवसीय उत्तर प्रदेश राज्य सम्मेलन का इस दो दिवसीय सम्मेलन में सत्रवार प्रदेश भर में चल रहे संघर्षो के जमीनी अनुभवों को साझा किया जाना है। साथ ही देश के स्तर पर इन संघर्षो को कैसे ले चला जाए और जनता की आवाज़ को कैसे मजबूती दी जाय इस विषय पर शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में बातचीत और समझदारी बनाने की कोशिश होनी है। सम्मेलन में उत्तर प्रदेश राज्य के कई जिलों से सामाजिक कार्यकर्ता जुटे। कार्यक्रम के पहले दिन दिल्ली से आए प्रो अपूर्वानंद और डॉ सौरभ बाजपेयी सरीखे शिक्षाविदों ने देश के मौजूदा हालात पर बहस छेड़ी।
बनारस में जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन
एनएपीएम के विषय में सुनीति सु.र.ने बात रखी। क्रिश्चियन समाज के ऊपर बढ़ रहे हमलो पर पैटसी डेविड ओर दीनानाथ ने बात रखी। मसीहुद्दीन संजरी ने निशाने पे मुस्लिम समुदाय विषय पर बोलते हुए ईसाई और मुस्लिम बिरादरी पर हो रही हिंसा और घृणा को भारतीय राज्य के संविधानिक असफलता के रूप में दर्ज होने का अंदेशा जताया। कहा कि अल्पसंख्यको के साथ भेदभाव साझी संस्कृति के विरासत के खिलाफ है और हमारे सामाजिक ताने बाने को तोड़ रहा है।
दलित अधिकारों की लड़ाई पर ब्लू पैंथर समूह – मेरठ से आए सुशील गौतम ने तफ्सील से बात रखी। बोले, आए दिन अख़बार में दलित उत्पीड़न की घटनाओ, सरकारी नौकरियों में दलितों के साथ भेदभाव के आंकड़े, स्थिति की भयावहता को दर्शा रहे हैं।
सम्मेलन क अध्यक्षता वरिष्ठ गाँधीवादी अमरनाथ भाई ने की। उन्होंने कहा कि, “आज लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती है. NAPM, गांधी और लोकनायक के विचारों पर चलने वाला समन्वय है। आज देश में गांधी और जेपी के विरासत पर हमला हो रहा है। हमलोग आपातकाल के समय सत्ता से लड़े थे लेकिन उस समय भी ऐसा डर का माहौल नहीं था. आज जब हम गांधी जी की 150वीं जयंती मना रहे हैं तो उन्हें सबसे सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने अंदर के डर से जीतें। सच और निर्भयता के रास्ते पर ही लोकतंत्र के लक्ष्य हासिल होंगे. स्वागत वक्तव्य नीति भाई ने किया और सत्र संचालन- नन्दलाल मास्टर और ऋचा सिंह ने किया है।
दूसरे सत्र में उपशीर्षक ‘ विकास के दावे, वास्तविकता ओर हमारी चुनौतियां’ विषय पर मुख्य वक्तव्य डॉ सौरभ बाजपेयी ने अपनी बात रखते हुए बोला कि ,” प्रेमचंद बनारस से थे, ये जमीं प्रेमचंद की है। उनके साहित्य में हमेशा वंचित वर्ग का संघर्ष दिखता रहा. जब हम अपने लोकतंत्र और संविधान की बात करते हैं तो आज़ादी बराबरी और दोस्ती के मूल्यों को पाना लक्ष्य होता है। समय आ गया है कि जनता सत्ता में बैठे लोगों को इन मूल्यों का पाठ पढाएं।
“आर्थिक मंदी और हमारी नीति पर बीएचयू के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर एनके मिश्रा ने भारत की आर्थिक हालात को बेहद चिंताजनक बताया। असंगठित क्षेत्र की दुष्वारियों का जिक्र करते हुए सरकार से अपील की कि बेरोजगारी बढ़ते आंकड़ों के बीच ये एक बेहद आपात स्थिति है। बैंकिंग गिर रही है। निवेश दूर दूर तक दि
बनारस में जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन
अति महत्व के विषय कश्मीर और कश्मिरियत पर बिलाल मजीद ने मार्मिक वक्तव्य दिया। मीडिया और लोकतंत्र विषय पर नसीरुदिन भाई ने बात रखी। सत्र का संचालन अरविन्द मूर्ति और एस.पी.राय ने किया। सायंकालीन सत्र में सांस्कृतिक प्रस्तुतिया हुईं।
कार्यक्रम में अरुंधति धुरु, ऋचा सिंह, राजीव यादव, विलाल मजीद, सुशील, रंजू सिंह, धनंजय त्रिपाठी, वल्लभ पांडेय, सुरेन्दर सिंह, रामजनम भाई, सुरेश, महेन्दर, दिवाकर, योगीराज, रेनू, श्रद्धा, उर्मिला, रामबेटी, सतीश, अल्तमश, जे. पी. सिंह, रामकिशोर, फादर आनंद, आत्म प्रकाश आदि मौजूद रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो