बता दें कि मालेगांव ब्लास्ट के बाद 23 अक्टूबर 2008 को सुधाकर को नासिक से गिरफ्तार कर मुंबई ले जाया गया था। ब्लास्ट में 7 लोग मारे गए थे, जबकि 79 जख्मी हुए थे। जेल से रिहा होने के बाद मीडिया से मुखातिब सुधाकर ने कहा कि एनआईए और एटीएस ने गिरफ्तार करने के बाद तीन दिनों तक केवल योगी आदित्यनाथ,उनके संगठन, मठ और ठिकानों तथा काम के बारे में ही पूछताछ की थी। इतना ही नहीं योगी के खिलाफ वारंट भी जारी किया गया था, लेकिन सबूतों के अभाव में उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी। बता दें कि सुधाकर चतुर्वेदी अभिनव भारत संस्था से जुड़े हैं।
सुधाकर ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जांच अधिकारियों ने लैपटॉप पर पॉर्न मूवी और अश्लील फोटो दिखाकर टॉर्चर किया। खुद के बारे में बताया कि तीन दिनों तक खाना नहीं दिया गया। बाथरूम में करंट लगाया और पूरा नंगा कर पैरों के तालू पर लाठी से मारते थे। मीर्जापुर जिले के मूल निवासी सुधाकर चतुर्वेदी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद मेरे परिवार को धमकाया गया। मेरी बहुत बदनामी हुई। कहा कि अब खुद को बेदाग साबित करने के लिए पूर्वांचल के हर जिले में जाकर मीडिया के जरिए असलियत सामने लाएंगे।