सुबह इस मंत्र का जाप ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्रः शनि राहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे ममसुप्रभातम्॥ सुबह जगते ही इस मंत्र का जाप करने से सभ देवी देवताओं के साथ नौ ग्रहों की कृपा बनी रहती है। इस मंत्र का मतलब है कि, सभी देवी, देवता और ब्रह्मा विष्णुए शिवए सूर्यए चंद्रए मंगल बुध बृहस्पतिए शुक्र शनि राहु और केतु मेरे प्रात:काल को मंगलमय बनाने की कृपा करें।
सुबह दोनों हथेलियों के मिलकार देखें सुबह जगकर अफनी दोनों हथेलियों के देखें क्योंकि, हमारे हाथ के अग्रभाग में देवी लक्ष्मी और मध्य में सरस्वती साथ ही हाथ के मूलभाग में विष्णु भगवान का वास होता है। दोनों हथेलियों को देखते हुए इस मंत्र का जाप करने से लाभ होगा। साथ ही ज्योतिष के अनुसार सुबह सूर्य निकलने से पहले ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए।
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंदरू प्रभाते करदर्शनम्॥