हिन्दू धर्म में शादी का ख़ास महत्व है। शादी में हर वर और वधु को अगले सात जन्मों तक एक दूसरे का साथ देने के सात वादे लिए जाते हैं। इन वादों के बाद वर अपनी वधु को मंगलसूत्र पहनाता है और शादी संपन्न हो जाती है। या फिर यूं मान लीजिए कि हिन्दू धर्म में हर सुहागन स्त्री की निशानी उसका मंगलसूत्र ही है। जब तक स्त्री के का पति उसके साथ रहता है वह मंगलसूत्र गले में पहने रखती है, पति के रहते गले से मंगलसूत्र उतारना अशुभ माना जाता है।
आज हम आपको एक ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं जो स्त्री के सुहाग से एक गहरा नाता रखती है। चौका देने वाली बात यह है कि अभी तक हम जो आदते कहीं ना कहीं करते आ रहे हैं उनका हमारे जीवन में एक गहरा प्रभाव पड़ता है। अब चाहे वो छोटी से छोटी या बड़ी से बड़ी चीज ही क्यूं ना हो। आज हम आपको मंगलसूत्र से जुड़ी कुछ ऐसे रहस्य बाते बताएंगे जो आपने पहले कभी नहीं पढ़े या सुने होंगे।
यदि आप इन तरीको से मंगलसूत्र ग्रहण कर रही हैं तो आपको यह आदतें बदलनी होंगी वरना आपके सिर से आपके सुहाग का साया हमेशा के लिए उठ भी सकता है।
यदि आप इन तरीको से मंगलसूत्र ग्रहण कर रही हैं तो आपको यह आदतें बदलनी होंगी वरना आपके सिर से आपके सुहाग का साया हमेशा के लिए उठ भी सकता है।
ये पांच सही तरीके
किसी भी स्त्री को अन्य किसी स्त्री से मंगलसूत्र मांगकर धारण नहीं करना चाहिए।
ऐसा करने से पति की आयु कम होती है अथवा दुखों का आगमन होता है।
जिस प्रकार एक सुहागन स्त्री के जीवन में सिंदूर बिछिया का महत्व है, उसी प्रकार स्त्रियां मंगलसूत्र का भी धारण करती है
जो उनके सुहाग को लंबी आयु एवं बुरी नजर से उनके पति की रक्षा करता है।
मंगलसूत्र का निर्माण काले मोती से होता है।
सभी मंगलसूत्र में काले मोती अवश्य होने चाहिए यही काले मोती बुरी नज़रों से पति की रक्षा करते हैं।
विवाह के समय पत्नी जिस वक़्त से गले में मंगलसूत्र धारण करती है उसी वक़्त से उसका मंगलसूत्र का उतारना वर्जित हो जाता है।
यदि ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न हो तो स्त्री अपने गले में काला धागा आवश्य बांध कर रखे।
सभी मंगलसूत्र में सोने का रहना आवश्यक होता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वर्ण गुरु के प्रभावों को कम करता है और वैवाहिक जीवन में सुख एवं ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए शुद्ध सोने से बना मंगलसूत्र आपके खुशहाल वैवाहिक जीवन का प्रतीक है।
किसी भी स्त्री को अन्य किसी स्त्री से मंगलसूत्र मांगकर धारण नहीं करना चाहिए।
ऐसा करने से पति की आयु कम होती है अथवा दुखों का आगमन होता है।
जिस प्रकार एक सुहागन स्त्री के जीवन में सिंदूर बिछिया का महत्व है, उसी प्रकार स्त्रियां मंगलसूत्र का भी धारण करती है
जो उनके सुहाग को लंबी आयु एवं बुरी नजर से उनके पति की रक्षा करता है।
मंगलसूत्र का निर्माण काले मोती से होता है।
सभी मंगलसूत्र में काले मोती अवश्य होने चाहिए यही काले मोती बुरी नज़रों से पति की रक्षा करते हैं।
विवाह के समय पत्नी जिस वक़्त से गले में मंगलसूत्र धारण करती है उसी वक़्त से उसका मंगलसूत्र का उतारना वर्जित हो जाता है।
यदि ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न हो तो स्त्री अपने गले में काला धागा आवश्य बांध कर रखे।
सभी मंगलसूत्र में सोने का रहना आवश्यक होता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वर्ण गुरु के प्रभावों को कम करता है और वैवाहिक जीवन में सुख एवं ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए शुद्ध सोने से बना मंगलसूत्र आपके खुशहाल वैवाहिक जीवन का प्रतीक है।