वाराणसी

मथुरा अवर अभियंता हत्याकांड- बिजली कर्मचारियों ने आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी व रासुका लगाने की मांग

-पॉवर कारपोरेशन को भेजा 10 सूत्रीय मांग पत्र-मांग पूरी न होने पर आदोलन की चेतावनी-बिजली कार्मिक प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग

वाराणसीJan 19, 2020 / 12:38 pm

Ajay Chaturvedi

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक

वाराणसी. मथुरा में अवर अभियन्ता की गोली मारकर की गई हत्या तथा नैनी (प्रयागराज) व लोनी (गाजियाबाद) सहित प्रदेश के अन्य जिलों में बिजली अभियंताओं पर हुए जानलेवा हमलों को लेकर विद्युत कर्मियों ने आक्रोश व्यक्त किया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर रासुका लगाने तथा बिजली अभियंताओं एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ‘बिजली कार्मिक प्रोटेक्शन एक्ट’ लागू करने तथा अन्य सुरक्षात्मक कदम उठाने की मांग की है। समिति ने पॉवर कारपोशेन के चेयरमैन को 10 सूत्रीय मांग पत्र भेजा है। साथ ही चेताया है कि मांग पूरी न होने पर वो आंदोलन को बाध्य होंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश की आपातकालीन बैठक में, 16 जनवरी को मथुरा में प्रदीप कुमार, अवर अभियंता की गोली मारकर की गई हत्या तथा नैनी, प्रयागराज एवं लोनी, गाजियाबाद सहित बिजली अभियंताओं पर हुए जानलेवा हमलों को लेकर विद्युत कर्मियों में जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया गया। समिति के प्रांतीय मीडिया प्रभारी अयोध्या प्रसाद शुक्ल ने कहा कि इस तरह की हिंसक घटनाओं से वाराणसी भी अछूता नहीं है। यहां भी आए दिन बिजली कर्मचारियों, अभियंताओं पर जानलेवा हमले होते रहते हैं। ऐसे में वाराणसी के बिजली कर्मचारी और अभियंता भी समिति के निर्णय से पूरी तरह से सहमत हैं और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को भी अपने अभियंताओं और कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिए।
सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को बिजली देने के संकल्प को पूरा करने के लिए विद्युत कर्मचारी, अवर अभियंता व अभियंता, मैन, मेटेरियल व मनी की भारी कमी के बावजूद, पूरे मनोयोग से कार्य करते हैं लेकिन उपद्रवी व अराजक तत्वों द्वारा अराजकता एवं जानलेवा हमलों आदि से बिजली अभियन्ता, अवर अभियन्ता एवं कर्मचारी इस कदर भयाक्रांत हैं कि बिजली चोरी चेकिंग, राजस्व वसूली अभियान आदि कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। क्षेत्रों में ऐसी जानलेवा घटनाएं घटित हो रही हैं जिस कारण क्षेत्रों में कार्य करना अत्यंत दुष्कर हो गया है। हर समय जान जोखिम में होने का भय सताता रहता है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अध्यक्ष उत्तप प्रदेश पावर कारपोरेशन लि को एक पत्र लिखकर मांग की है कि उपभोक्ताओं को सुचारू एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं बिजली अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा बिना किसी भय, दबाव आदि के सरकारी कार्यों का निष्पादन करने हेतु निम्न कदमों पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही करें…
1-बिजली अभियंताओं एवं कर्मचारियों द्वारा भयमुक्त होकर सरकारी कार्य करने के लिए उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाय तथा ‘‘बिजली कार्मिक प्रोटेक्शन एक्ट’’ बनाया जाय।
2-मथुरा में अवर अभियंता की हत्या करने वाले आरोपी पर रासुका लगाई जाय एवं मृत कार्मिक के परिवार को तत्काल सरकारी नौकरी देते हुए रूपये 01 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाय। लोनी (गाजियाबाद) एवं नैनी (प्रयागराज) व अन्य सभी जगह की घटनाओं के सभी आरोपियों पर रासुका लगाकर तत्काल गिरफ्तारी की जाय।
3-राजस्व वसूली के लिए लगातार की जा रही मॉर्निंग रेड, नाइट रेड एवं मास रेड आदि विशेष अभियान बिना पर्याप्त पुलिस बल की उपलब्धता के कदापि न कराई जाय। इस संबंध में तत्काल क्षेत्रीय अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
4-बिजली अभियन्ताओं एवं उनकी टीम के सदस्यों के साथ अभद्रता, झगड़ा, गाली-गलौच, धमकी, मार-पीट, उपकेन्द्रों/कार्यालयों में तोड़-फोड़ करने वालों तथा झूठी एफआईआर, काउंटर एफआईआर करने वालों के विरूद्ध तत्काल ‘‘रासुका एवं गुंडा एक्ट’’ के तहत मुकदमा दर्ज कर 24 घंटे के भीतर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का नियम तत्काल बनाया जाय व कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।
5-बिजली अभियन्ताओं एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कोई भी एफआईआर बिना नियुक्ति प्राधिकारी के परीक्षण एवं उनकी सहमति/अनुमति के दर्ज न हो।
6-क्षेत्रों के बिजली अभियन्ताओं, अवर अभियन्ताओं एवं कर्मचारियों को सरकारी सुरक्षा/गनर प्रदान की जाय।
7-सभी उपकेन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जायं जिससे तोड़-फोड़ एवं हमला करने वाले अराजक तत्वों की पहचान कर उनके विरूद्ध कार्रवाई की जा सके।
8-समस्त सुविधाओं, मनी, मेटीरियल तथा मैन पावर से लैस तीन शिफ्टों में चौबीसों घंटे कुशल तकनीकी गैंग उपलब्ध कराए जाएं।
9-विभाग के सभी नियमित कार्य एवं बैठक कार्यालय संचालन के निर्धारित समय प्रातः 10.00 बजे से सायं 05.00 बजे के मध्य ही किए जाएं। केवल आकस्मिक स्थिति में विद्युत व्यवधान दूर करने और अति आवश्यक कार्य ही निर्धारित समयावधि के उपरान्त निष्पादित करायें जाएं।
10-राजस्व वसूली के कार्य में लगे सभी कार्मिकों को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाये तथा उपभोक्ताओं से एकत्रित की गई धनराशि को लाने व ले जाने के लिए कैश वाहन मय सुरक्षा गार्ड व्यवस्था की जाय।
पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि उपरोक्त संवेदनशील बिंदुओं पर प्रबंधन द्वारा अतिशीघ्र प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती है तो ऐसी स्थिति में संयुक्त संघर्ष समिति, लोकतांत्रिक तरीके से विरोध/ध्यानाकर्षण जैसे कदम उठाने को बाध्य होगी।
बैठक में शैलेन्द्र दुबे, ए के सिंह, राजीव सिंह, जी वी पटेल, गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, सुहेल आबिद, शशिकांत श्रीवास्तव, डी के मिश्रा, जय प्रकाश, के एस रावत, विनय शुक्ला, सुनील प्रकाश पाल, शम्भू रतन दीक्षित, महेंद्र राय, मोहम्मद इलियास, वी सी उपाध्याय, विपिन प्रकाश वर्मा, कुलेन्द्र सिंह, पी एन राय, पी एन तिवारी, परशुराम, भगवान् मिश्रा, पूसेलाल, ए के श्रीवास्तव, आर एस वर्मा, वी के सिंह, पी एस बाजपेई मुख्यतया उपस्थित रहे।
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