खसरा
खसरा का रोग सांस के जरिए फैलता है। खासकर खसरा गर्मियों में जी से फैलता है। खसरा होने पर शरीर पर लाल रंग छोटे दाने हो जाते हैं और बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखों का लाल होना जैसी दिक्कते होती हैं। खसरा को रूबेला भी कहा जाता है।
बचाव- खसरा से सुरक्षा के लिए शुरुआती तौर पर टीकाकरण शामिल है। टीका आमतौर पर सभी बच्चों को दिया जाता है और रोग को रोकने में बेहद कारगर है। खसरा से संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना इसे फैलाने से रोक सकता है।
खसरा का रोग सांस के जरिए फैलता है। खासकर खसरा गर्मियों में जी से फैलता है। खसरा होने पर शरीर पर लाल रंग छोटे दाने हो जाते हैं और बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखों का लाल होना जैसी दिक्कते होती हैं। खसरा को रूबेला भी कहा जाता है।
बचाव- खसरा से सुरक्षा के लिए शुरुआती तौर पर टीकाकरण शामिल है। टीका आमतौर पर सभी बच्चों को दिया जाता है और रोग को रोकने में बेहद कारगर है। खसरा से संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना इसे फैलाने से रोक सकता है।
पीलिया
गर्मी के मौसम में पीलिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसको हेपेटाइटिस ए भी कहा जाता है। पीलिया दूषित पानी या खाने से हो सकता है। पीलिया में रोगी की आंखे व नाखून पीले हो जाते हैं और पेशाब भी पीले रंग की होती है।
बचाव- पीलिया हो जाने पर दूषित खाने बचें। इसके साथ ही सिर्फ उबला हुआ या छना हुआ ही पानी पीएं।
गर्मी के मौसम में पीलिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसको हेपेटाइटिस ए भी कहा जाता है। पीलिया दूषित पानी या खाने से हो सकता है। पीलिया में रोगी की आंखे व नाखून पीले हो जाते हैं और पेशाब भी पीले रंग की होती है।
बचाव- पीलिया हो जाने पर दूषित खाने बचें। इसके साथ ही सिर्फ उबला हुआ या छना हुआ ही पानी पीएं।
टाइफॉइड
टाइफॉइड की बीमारी गंदे पानी और खाने से होती है। गर्मी के मौसम आते ही टाइफॉइड होने लगता है। इसके कारण लगातार बुखार रहना, भूख कम लगना, उल्टी होना और खांसी-जुकाम हो जाता है।
बचाव- टाइफॉइड से बचने के लिए टीकाकरण करना मुख्य विकल्प है। इसके अलावा खाने-पीन के पदार्थों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
टाइफॉइड की बीमारी गंदे पानी और खाने से होती है। गर्मी के मौसम आते ही टाइफॉइड होने लगता है। इसके कारण लगातार बुखार रहना, भूख कम लगना, उल्टी होना और खांसी-जुकाम हो जाता है।
बचाव- टाइफॉइड से बचने के लिए टीकाकरण करना मुख्य विकल्प है। इसके अलावा खाने-पीन के पदार्थों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
चेचक
गर्मी की शुरुआत में ही चेचक का संक्रमण फैलता है। चेचक के होने शरीर में लाल दाग पड़ जाते हैं। इसके अलावा सिरदर्द बुखार और गले में खराश इसके शुरुआती लक्षण हैं। जिस किसी को भी चेचक होता है, उसके खांसी या छींक आती है तो यह रोग फैलता है।
गर्मी की शुरुआत में ही चेचक का संक्रमण फैलता है। चेचक के होने शरीर में लाल दाग पड़ जाते हैं। इसके अलावा सिरदर्द बुखार और गले में खराश इसके शुरुआती लक्षण हैं। जिस किसी को भी चेचक होता है, उसके खांसी या छींक आती है तो यह रोग फैलता है।
बचाव- चेचक से बचने के लिए टीके लगाया जाता है। इसके अलावा बाहर से घर आने पर अपने हाथों को धोएं और चेचक से पीड़ित को अलग कमरे में रखें।