बता दें कि देश भर में गरीब मरीजों के लिए केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लागू की थी। इसके तहत पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज होना था। इसमें दवा से लेकर अस्पताल का पूरा खर्च शामिल था। इस योजना को बीएचयू के सरसुंदर लाल अस्पताल में भी जोर-शोर से नवंबर 2018 में ही लागू किया गया था। इस योजना के तहत अस्पताल परिसर स्थित उमंग फार्मेसी से दवा दी जाती रही। लेकिन उमंग फार्मेसी ने अब दवा देने से मना कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक उमंग फार्मेसी की ओर से इस संबंध में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को पत्र भी लिखा गया था जिसमें वितरित दवा के एवज में कीमत की मांग की गई थी। साथ ही चेतावनी दी थी कि पैसा न मिलने की सूरत में वह दवा वितरण बंद करने को बाध्य होंगे। यह पत्र 08 फरवरी को भेजा गया था जिसके जवाब में अस्पताल प्रशासन की ओर से 18 फरवर को जवाब दिया गया कि 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस आ रहे हैं। वह बीएचयू परिसर में भी होंगे लिहाजा दवा वितरण जारी रखा जाए। अस्पताल प्रशासन ने वादा किया था कि वह दवा की कीमतों का भुगतान शीघ्र कर देंगे। लेकिन अस्पताल प्रशासन दवा की कीमत का भुगतान उमंग फार्मेसी को नहीं कर सका।
उमंग फार्मेसी ने अपने पत्र में लिखा कि फार्मेसी की ओर से पूरी मदद की गई लेकिन 06 मार्च तक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। फार्मेसी के अनुसार सरसुंदर लाल अस्पताल पर र47,98,756 रुपये और ट्रामा सेंटर पर 18,02,635 रुपये सहित कुल 66, 01,391 रुपये का बकाया है। उन्होंने लिखा है कि हमारे वेंडर्स ने सप्लाई बंद कर दी है। ऐसे में हम अब दवा वितरण रोकने को बाध्य हैं।