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चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा कम करने के लिए मोदी सरकार करने जा रही है बड़ा काम, व्यापारियों को मिलेगा लाभ

locationवाराणसीPublished: Sep 04, 2018 09:14:24 am

Submitted by:

Sunil Yadav

भारत के निर्यात की क्षमता पिछले छह साल की तुलना में बढ़ी

चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा कम करने के लिए मोदी सरकार करने जा रही है बड़ा काम, व्यापारियों को मिलेगा लाभ

चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा कम करने के लिए मोदी सरकार करने जा रही है बड़ा काम, व्यापारियों को मिलेगा लाभ

वाराणसी. वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि चीन के साथ व्यापार घाटे का अंतर कम करने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। चीन के सहयोग से सरकार वहां भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने वाली है। इस दिशा में दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि चीन में प्रदर्शनी लगाने का उद्देश्य वहां के व्यापारियों को भारत के उत्पादों के प्रति आकर्षित करना है। ताकि चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे को कम किया जा सके। उन्होंने व्यापारियों से के कहा कि प्रदर्शनी की तारीख का एलान जल्द किया जाएगा। साथ ही उन्होंने व्यापारियों से प्रस्तावित प्रदर्शनी में हिस्सा लेने की भी अपील किया। उन्होंने व्यापारियों से कहा कि आप को व्यापर करने में जो समस्याए आ रही है फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के माध्यम से अवगत कराए। सरकार आप की समस्यायों के मसाधान के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
इस दौरान उन्होंने प्रदेश के सीएम योगी आत्यनाथ की भी प्रदेश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए सकारात्म कदमों की जमकर सराहना की। वाणिज्य मंत्री वाराणसी के नदेसर स्थित एक होटल में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के ओपेन हाउस बैठक में बोल रहे थे।
इसके पहले वाणिज्य मंत्री ने वैश्विक स्तर पर व्यापार के माहौल का जिक्र सकते हुए कहा एक समय सभी देश वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने पर कार्य कर्य कर रहे थे। लेकिन आज विश्व के देश व्यापार में रुकावट डालने के लिए अपना योदान दे रहे है।
उन्होंने कहा कि पिछले साठ- सत्तर सालों में वैश्विक व्यापार का यह सबसे बुरा दौर चल रहा है। हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पिछले छह सालों की तुलना की जाए तो आखिरी साल में देश की निर्यात झमता में वृद्धि हुई और विकास दर अनुमान के मुताबिक ठीक है। आगे और ज्यादा सकारात्म परिणाम आएंगे।

इस दौरान व्यापारियों ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु को 26 सूत्री पत्रक के जरिए आगरा, फिरोजाबाद, कानपुर जिले की तर्ज पर वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर को ‘टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस’ घोषित किये जाने की मांग किया। कहा कि सरकार बनारस और भदोही में निर्यात की बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराए ताकि निर्यात में वृद्धि की आ सके।
साथ ही मांग किया कि बौद्धिक सम्पदा (जीआई) उत्पादों के लिए पूरी नीति साफ होनी चाहिए, जैसा की वर्तमान में नहीं है। जीआई उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष पॉलिसी बनायी जाए। साथ ही विशिष्ट प्रदर्शनी लगायी जाए और पृथक विभाग बनाया जाए। जीआई उत्पादों के निर्माताओं को अतिरिक्त सुविधाएं दी जाए। मांग और आपूर्ति की नीति बनायी जाए। बाजार उपलब्ध कराया जाए। जलमार्ग का उपयोग बढ़ाने के लिए कारगर उपाय किये जाए।
व्यापारियों ने पत्रक में यह भी कहा कि इस क्षेत्र के निर्यातकों की फ्रैंकफर्ट(यूरोप) के लिए सीधी विमान की मांग लंबे समय से लंबित है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बाबतपुर एयरपोर्ट से सप्ताह में दो दिन यूरोप के लिए कार्गों व यात्री विमान सेवा शुरू किया जाए। निर्यातकों ने यह भी उल्लेख किया है कि निर्यातक के दौरान कस्टम और जीएसटी अदा करते हैं। जिसका ड्रा बैक अभी तक नहीं मिला।
देश के पैमाने पर जहां 12 हजार करोड़ बकाया है वहीं इस क्षेत्र के निर्यातकों का करीब छह सौ करोड़। इसे दिलाया जाए। फियो के अध्यक्ष गणेश गुप्ता ने कहा कि भारत के निर्यात में यूपी का अंश महज तीन फीसदी का है। इसे बढ़ाकर छह फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। यूपी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यह आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री का मानना है कि रात के समय खाली जहाजों का इस्तेमाल माल ढुलाई के लिए किया जाए। इसके लिए वे काफी प्रयासरत भी है।
इस दौरान राज्यमंत्री नंदगोपाल नंदी, संयुक्त सचिव राजीव अग्रवाल, डॉ अजय सहाय सहाय, महानिदेश एंव मुख्य कार्यकारी अधिकारी (फिओ) समेत विभिन्न बैंकों के अधिकारी व व्यापारी मौजूद रहे।

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