ये भी पढें- BHU में बोले Amit Shah: वामपंथियों और अंग्रेजों को कोसना बंद करें, खुद शोध कर नए इतिहास का करें सृजन बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में भारत अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान भारत अंग्रेजों की देन नहीं है, बल्कि प्राचीन काल से भारत सांस्कृतिक रूप से जुड़ा हुआ है। योगी बोले, 2 हजार वर्षों से भारत के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि देश में मौजूद तीर्थ सिर्फ उपासना के केंद्र नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय एकात्मक के भी केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि जो समाज अपने अतीत के गौरवशाली क्षणों को भूल जाता है, उसके सामने त्रिशंकु जैसी स्थिति उतपन्न हो जाती है। वह विदेशी आक्रांताओं और विदेशी वस्तुओं में ही अपने भविष्य को टटोलने की कोशिश करता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के लोग अपने वास्तविक इतिहास को न जान पाए इसलिए साजिश के तहत ऐसा किया गया। चंद्रगुप्त विक्रमादित्य से लेकर स्कंदगुप्त तक भारत की गौरवशाली परंपरा रही है। इस कालखंड में भारत में सामरिक, आर्थिक, राजनीतिक, ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हुआ था।