बनारस में पिछले सप्ताह झमाझम बारिश हुई थी जिसके बाद लोगों को भीषण गर्मी से छुटकारा मिला था। तीन-चार दिन बारिश होने से जुलाई का आधा से अधिक कोटा पूरा हो गया था लेकिन पिछले कुछ दिनों से मौसम में हुए परिवर्तन ने लोगों को परेशान किया है। आसमन में हल्के बादल छाये रहने से लोगों को धूप से फौरी राहत मिलती है, लेकिन उमस के चलते राहत नाकाफी साबित होती है। यूपी की बात की जाये तो जून में प्री मानसून की नाममात्र की बारिश हुई थी लेकिन एक से 17 जुलाई तक की बात की जाये तो 267 मिलीमीटर की जगह 307 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से ज्यादा है। झमाझम बारिश का दौर कई दिनों तक चल जाता है तो जून को भी कोटा पूरा हो जायेगा। पूर्वी यूपी पर आयी एक ट्रफ रेखा के चलते ही बारिश हुई थी यह ट्रफ रेखा अब तराई की तरफ चली गयी है, जिससे पर्याप्त मात्रा में नमी नहीं आ रही है और बारिश होना बंद हो गयी है। इस समय पछुआ हवा चल रही है यदि कही से नमी वाली हवा आ जाती है तो हल्की बारिश हो सकती है।
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जानिए क्या कहा मौसम वैज्ञानिक ने
मौसम वैज्ञानिक प्रो.एसएन पांडेय ने बताया कि पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम बन रहा है। 19 तक नया सिस्टम बन जायेगा। इसका असर पूर्वी यूपी पर 21 से आने की संभावना है। नये सिस्टम से बनारस में फिर से झमाझम बारिश होने की संभावना है इसके पहले वातावरण में नमी आयी तो किसी भी क्षेत्र में बूंदाबांदी या हल्की बारिश हो सकती है।
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मौसम वैज्ञानिक प्रो.एसएन पांडेय ने बताया कि पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम बन रहा है। 19 तक नया सिस्टम बन जायेगा। इसका असर पूर्वी यूपी पर 21 से आने की संभावना है। नये सिस्टम से बनारस में फिर से झमाझम बारिश होने की संभावना है इसके पहले वातावरण में नमी आयी तो किसी भी क्षेत्र में बूंदाबांदी या हल्की बारिश हो सकती है।
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