राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य पर्यवेक्षण 2015-16 के अनुसार वाराणसी जिले में 15 – 19 साल की 50.09 प्रतिशत किशोरियां एनीमिया की शिकार है। इसमें गांव में 52.3 प्रतिशत तो शहर में 49.3 प्रतिशत किशोरियां एनीमिया से ग्रसित है। पूरे प्रदेश में 53.09 प्रतिशत किशोरियां इसकी चपेट में हैं। किशोरियों में एनीमिया की दर को कम करने के लिए जुलाई से विशेष अभियान प्रारंभ किया गया है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य पर्यवेक्षण की रिपोर्ट से सामने आई इस सच्चाई के बाद जिले में किशोरी दिवस शुरू किया गया है। साथ ही इन किशोरियों की समस्या सुलझाने के लिए उनके मन समस्या और मन की बात जानने के लिए सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में ‘किशोरी का पिटारा’ रखा गया है। इस पिटारे में डाले गए किशोरियों के पत्र को पढ कर उनकी समस्या दूर की जा रही है। यह पिटारा किशोरियों की खून की कमी को दूर करने में काफी सहायक हो रहा है।
फिलहाल जिले के 35 आंगनवाड़ी केंद्रों पर ‘किशोरी का पिटारा’ रखवाया गया है। एक सप्ताह के भीतर ही बड़ी तादाद में किशोरियों ने इसमें पत्र डाला है। विभाग का दावा है कि इनमें से 25 का समाधान कर भी दि
एनीमिया को रोकने के लिए किशोरियों को खानपान संबंधी टिप्स दिए जा रहे हैँ। शरीर में लौह तत्वों की कमी के लिए भोजन में मेथी, पालक, बथुआ, सरसों, गुड़ आदि की मात्रा बढ़ाने के साथ अंकुरित दलों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाने की सलाह दी जा रही है। जिले के बाल विकास परियोजना नगर, चोलापुर, हरहुआ की 44 सुपरवाइजर को आईएलए ट्रेंनिंग के तहत किशोरियों को समय के साथ-साथ ऊपरी आहार में वृद्धि पर जानकारी देने के साथ गांव-गांव में देने पर जोर दिया जा रहा है। 11 जुलाई को चिरई गांव, काशी विद्यापीठ, सेवापुरी,आराजीलाइन, पिण्डरा, सेवापुरी की 43 सुपरवाइजर को प्रशिक्षण दिया गया।
कोट “किशोरी का पिटारा’ वाराणसी के सभी गांवों में रखे जाने की योजना पर काम चल रहा है। सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर किशोरी दिवस का आयोजन हो रहा है। किशोरियों में एनीमिया यानी खून की कमी एक प्रमुख समस्या है। खून की कमी वाली किशोरियों कोआईएफए टैबलेट (आयरन की गोली) का सही तरीके से सेवन करने की सलाह दी जा रही है। अक्सर यह देखा जाता है कि किशोरियां दूध या चाय के साथ आयरन की लेती हैं जबकि आईएफए टैबलेट का सेवन विटामिन सी युक्त आहार जैसे नीबू, संतरा, आंवला आदि के साथ किया जाना चाहिए।”- मंजू वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी व प्रभारी बाल विकास विभाग